Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. (Image- Pixabay)

Stock market: निफ्टी- बैंक निफ्टी में आज कैसे होगी कमाई, कौन से लेवल हैं अहम, जानिए एक्सपर्ट की राय

निफ्टी का पहला बेस 18674-18706 Nifty में ट्रेडिंग कैसे करें पर दिख रहा है। जबकि दूसरा बड़ा बेस 18748-18781/808 पर दिख रहा है। कल गिरावट में खरीदारी की रणनीति ठीक पड़ी। FIIs की इंडेक्स में खरीदारी जबकि कैश में बिकवाली जारी है।

निफ्टी का पहला रेजिस्टेंस 18674-18706 पर है। इसके बाद इसका दूसरा बड़ा रजिस्टेंस 18748-18781/808 पर दिख रहा है

उतार-चढ़ाव के बीच बाजार की चाल पूरी तरह से सपाट नजर आ रही है। 09:45 बजे के आसपास सेंसेक्स 12.89 अंक यानी 0.02 फीसदी की बढ़त के साथ 62,583.57 के स्तर पर दिख रहा है। वहीं, निफ्टी 11 अंक यानी 0.061 फीसदी की बढ़तके साथ 18,623.10 के स्तर पर दिख रहा है। ऐसे माहौल में आज निफ्टी-बैंक निफ्टी में कैसे हो सकती है कमाई इस पर बात करते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के वीरेंद्र कुमार ने कहा कि निफ्टी का पहला रेजिस्टेंस 18674-18706 पर है। इसके बाद इसका दूसरा बड़ा रजिस्टेंस 18748-18781/808 पर दिख रहा है।

वहीं, निफ्टी का पहला बेस 18674-18706 पर दिख रहा है। जबकि दूसरा बड़ा बेस 18748-18781/808 पर दिख रहा है। कल गिरावट में खरीदारी की रणनीति ठीक पड़ी। FIIs की इंडेक्स Nifty में ट्रेडिंग कैसे करें में खरीदारी जबकि कैश में बिकवाली जारी है। मासिक, वीकली डाटा के मुताबिक निफ्टी का बेस 18550-18400 पर दिख रहा है। 8700 पर PCR (पुट कॉल रेशियो) अब भी काफी नीचे है। 18706/674-18549-517, 18706 के ऊपर ही बड़ी तेजी संभव है। 18706 के ऊपर जाने पर 18748-781 के लेवल भी देखने को मिल सकते हैं।

Nifty में ट्रेडिंग कैसे करें

आप Zerodha में वीकली Nifty ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स में सिर्फ तभी ट्रेड कर सकते है जब आपका फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट इनेबल होगा। यदि आपका यह सेगमेंट इनेबल नहीं है तो इस लिंक में दिए हुए स्टेप्स को फॉलो करके आप इनेबल करवा सकते है।

आप सर्च बॉक्स में “Nifty Weekly” टाइप करके वीकली कॉन्ट्रैक्ट जिसमे आप ट्रेड करना चाहते है, को ड्रौप -डाउन से ऐड कर सकते है।

ट्रेडिंग सिंबल में NIFTY टाइप करने के बाद Strike price टाइप करने से भी ,जिस कॉन्ट्रैक्ट में आप ट्रेड करना चाहते है, उसको ऐड(+) करने का ऑप्शन आ जायेगा।

Nifty वीकली कॉन्ट्रैक्ट हर हफ्ते गुरुवार को एक्सपायर हो जाते है, अगर गुरुवार को मार्केट बंद होती है तो एक दिन पहले वाले ट्रेडिंग दिन को आखिरी ट्रेडिंग दिन माना जाता है।

सभी कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी के दिन मार्केट के बंद होते ही एक्सपायर हो जाते है या फिर जैसा एक्सचेंज डिसाइड करता है।

एक्सपायरी की डेट आखिरी सप्ताह के कॉन्ट्रैक्ट में नहीं दी जाएगी। इसलिए इसमें सिर्र्फ महीने का नाम और स्ट्राइक प्राइस लिखा होगा उदाहरण के लिए Nifty Nifty में ट्रेडिंग कैसे करें जुलाई कॉन्ट्रैक्ट को Nifty July 16000 CE लिखा जायेगा।

नोट : Nifty कॉन्ट्रैक्ट का साइज जुलाई 2021 की एक्सपायरी के बाद 75 से कम होकर 50 हो गया है। जुलाई एक्सपायरी के बाद शुरू होने वाले कॉन्ट्रैक्ट्स का लॉट साइज 50 है। अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक कीजिये।

आज निफ्टी में ट्रेड कैसे करे? aaj Nifty me trade kaise kare

इस समय जो हमे डाटा मिल रहा है उसके हिसाब से निफ्टी करीब 55 प्वाइंट उछाल के साथ खुल रही है । तो हम इस टैक्निकल एनालिसिस (technical analysis) से जानेंगे की आज के दिन कैसे ट्रेड करे और कौन से लेवल पर प्राइस कैसा बिहेव कर रहा है।

NIFTY 2022 05 25 07 42 15

जैसा की हम इस technical analysis चार्ट में देख सकते है 16125 पॉइंट्स में कल निफ्टी बंद हुवा और कल का लो 16078 प्वाइंट रहा आज जो की हम बता चुके है मार्केट खुलने के बाद हम इंतजार करेगे और देखेगे पहली 15 मिनट की कैंडल कैसे बनती है

अगर 16156 प्वाइंट के ऊपर पहली कैंडल बनती है तो हम 16209 प्वाइंट का टारगेट जल्दी से प्राप्त करेगे लेकिन अगर पहली 15 मिनट की कैंडल 16142 Nifty में ट्रेडिंग कैसे करें प्वाइंट्स के ऊपर नही बनती है

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तो हम ये ट्रेड नहीं लगे इस क्विक ट्रेड में 16113 अंक का स्टॉप लॉस लगा के चलने देंगे जब तक की हमारा टारगेट हमे अचीव नही होता है।

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हमे निफ्टी में आज दूसरी ट्रेड भी मिल सकती है जैसे की हमने हमारे टैक्निकल एनालिसिस देख सकते है अपन शेयर मार्केट यानी निफ्टी प्लस खुल Nifty में ट्रेडिंग कैसे करें ही रहा है अभी के हिसाब से 16231 अंक के लेवल को देखते रहेंगे की मार्केट यह कैसा रिएक्शन कर रहा है

अगर 16231 अंक को ब्रेक कर के एक 15 मिनट की कैंडल इसके ऊपर बनती है तो हम तुरंत एंट्री कर सकते है प्राइस को ध्यान में रख कर हमारे technical analysis अगर सही हुवा तो हमे 16384 प्वाइंट यानी 153 अंक जो की 0.94% है इसका टारगेट मिल सकता है।

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हा अगर जैसा हमने इस ट्रेड को प्लान किया है ऐसा अगर प्राइस के साथ मार्केट बिहेव नही करता है तो मेरा सुझाव यही रहेगा की आप ट्रेड न करे मैं तो नही करता यदि मेरे प्लान के हिसाब से ना हो अगर जैसा हमने प्लान किया है वैसे प्राइस बिहेव करता है तो हम अच्छा टारगेट बुक करेगे ।

एक बात और अगर आप कॉल (call) या पुट (put) buy करने वाले ट्रेडर है तो आप के लिए रोजाना ट्रेड करना मार्केट में अच्छा नही है की आप जागे और मार्केट खुलने का इंतजार किया और खरीदना बेचना चालू कर दिए

Nifty में करना चाहते है ट्रेडिंग? तो यहां जानिए निफ्टी में निवेश कैसे करें? | How to Invest in Nifty

How to Invest in Nifty: निफ्टी Nifty में ट्रेडिंग कैसे करें एक इंडेक्स है, आप इसे सीधे किसी कंपनी के स्टॉक की तरह नहीं खरीद सकते। हालांकि, ऐसे अन्य तरीके भी हैं जिनसे आप सूचकांक का उपयोग इसके मूवमेंट से लाभ प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं। निफ्टी में कैसे ट्रेड करना है? (How to Trade in Nifty) आइए जानते है।

How to Trade in Nifty: निफ्टी 50 (Nifty 50) भारत के व्यापक बाजार बेंचमार्क सूचकांकों में से एक है जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में सूचीबद्ध 50 सबसे बड़ी कंपनियों के प्राइस मूवमेंट को ट्रैक करता है। ट्रेडर्स द्वारा व्यापक रूप से शेयर मार्केट के परफॉर्मेंस को मापने के लिए इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

Nifty को शेयर बाजार के प्रदर्शन का एक अच्छा संकेतक क्यों माना जाता है, इसका एक प्राथमिक कारण यह है कि यह Nifty में ट्रेडिंग कैसे करें 14 विभिन्न सेक्टर की कंपनियों को कवर करता है। नतीजतन, एक निवेशक जो निफ्टी 50 इंडेक्स में अपनी पूंजी का निवेश करता है, वह खुद को कई प्रकार की कंपनियों में उजागर कर सकता है और बदले में, निवेश जोखिम को काफी कम कर सकता है।

लेकिन अब सवाल उठता है कि आपको निफ्टी में कैसे निवेश करना चाहिए? (How to Invest in Nifty) चूंकि यह एक इंडेक्स है, आप इसे सीधे किसी कंपनी के स्टॉक की तरह नहीं खरीद सकते। हालांकि, ऐसे अन्य तरीके भी हैं जिनसे आप सूचकांक का उपयोग इसके मूवमेंट से लाभ प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं। यह कैसे करना है आइए इस लेख में जानते है।

निफ्टी में ट्रेडिंग कैसे करें? | How to Trade in Nifty?

निफ्टी इंडेक्स में आप दो प्राथमिक तरीके से निवेश कर सकते हैं, डेरिवेटिव और म्यूचुअल फंड के माध्यम से। आइए गहराई से समझें।

डेरिवेटिव के माध्यम से निफ्टी में निवेश

निफ्टी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स जैसे फ्यूचर्स और ऑप्शंस इंडेक्स को अंडरलाइंग एसेट के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि डेरिवेटिव का प्राइस मूवमेंट सूचकांक से जुड़ा हुआ है। चूंकि सूचकांक एक स्टॉक नहीं है, आप इसके डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति पर इसकी डिलीवरी नहीं ले सकते। इसके बजाय, सभी इंडेक्स डेरिवेटिव्स को समाप्ति के अंत में अनिवार्य रूप से नकद-निपटान किया जाएगा।

इस अवधारणा की व्याख्या के साथ, आइए थोड़ा और गहराई से समझें और यह समझने की कोशिश करें कि आप Futures Contracts and Options Contracts के माध्यम से निफ्टी में कैसे व्यापार कर सकते हैं।

1) निफ्टी में फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए निवेश

अगर आपके पास निफ्टी इंडेक्स के बारे में एक तेजी या मंदी का नजरिया है, तो आप कीमतों में उतार-चढ़ाव से लाभ के लिए इंडेक्स फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स का उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए मान लें कि निफ्टी वर्तमान में 12,000 पर कारोबार कर रहा है। आपको उम्मीद है कि सूचकांक समाप्त होने तक लगभग 13,000 तक बढ़ जाएगा।

आपको बस निफ्टी NOV FUT कॉन्ट्रैक्ट को 12,000 पर खरीदना है। अगर सूचकांक आपकी अपेक्षाओं के अनुसार चलता है और कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने से पहले 13,000 को छूता है, तो आप अपनी स्थिति को आसानी से समाप्त कर सकते हैं।

इसी तरह आइए अब मान लें कि सूचकांक समाप्त होने तक लगभग 11,000 तक गिर जाएगा। इस मामले में आपको बस इतना करना है कि निफ्टी NOV FUT कॉन्ट्रैक्ट को 12,000 पर शॉर्ट-सेल करें। यदि सूचकांक आपकी अपेक्षाओं के अनुसार चलता है और कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने से पहले 12,000 से नीचे गिर जाता है, तो आप बस अपनी स्थिति को समाप्त कर सकते हैं और लाभ का आनंद ले सकते हैं।

2 ) निफ्टी में ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से निवेश

फ्यूचर्स की तरह ही, आप निफ्टी ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स का इस्तेमाल प्राइस मूवमेंट से मुनाफा कमाने के लिए भी कर सकते हैं। आइए ऊपर के समान उदाहरण का उपयोग करें। मान लें कि निफ्टी वर्तमान में 12,000 पर कारोबार कर रहा है। आप उम्मीद करते हैं कि सूचकांक समाप्त होने तक लगभग 13,000 तक बढ़ जाएगा।

तो, आप इंडेक्स के कॉल ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को अपनी पसंद के स्ट्राइक प्राइस के साथ खरीदते हैं। अधिक विशिष्ट होने के लिए आप निफ्टी 13000 CE ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीद सकते हैं क्योंकि आप उम्मीद करते हैं कि सूचकांक लगभग 13,000 तक बढ़ जाएगा। वैकल्पिक रूप से आप इंडेक्स कॉल ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को स्ट्राइक प्राइस के साथ खरीद सकते हैं जो इंडेक्स के मौजूदा ट्रेडिंग प्राइस से कम है। हालांकि, इसके लिए आपको अधिक प्रीमियम देना होगा, जिससे आपकी शुरुआती निवेश लागत बढ़ सकती है। कॉल ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीदने पर अगर इंडेक्स आपकी उम्मीदों के अनुसार ऊपर जाता है, तो आपको बस अपनी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना होगा।

इसी तरह, अगर आपके उम्मीद है कि सूचकांक समाप्त होने तक लगभग 11,000 तक गिर जाएगा, तो आपको अपनी पसंद के स्ट्राइक वैल्यू के साथ सूचकांक का पुट ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीदना चाहिए। अधिक विशिष्ट होने के लिए, आप निफ्टी 11,000 PE ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीद सकते हैं क्योंकि आप इसे लगभग 11,Nifty में ट्रेडिंग कैसे करें 000 तक गिरने की उम्मीद करते हैं। जब सूचकांक गिरता है, तो आप आसानी से अपनी स्थिति को स्क्वायर ऑफ कर सकते हैं और अपने निवेश पर लाभ का आनंद ले सकते हैं।

म्यूचुअल फंड के जरिए निफ्टी में निवेश

इंडेक्स फंड जैसे म्यूचुअल फंड में शेयरों का वही पोर्टफोलियो होता है जो निफ्टी जैसे इंडेक्स में होता है।यह प्रभावी रूप से इन फंडों को एक सूचकांक के प्रदर्शन को ट्रैक करने की अनुमति देता है, जिससे निवेशकों को सूचकांक द्वारा वहन की जाने वाली मूल्य निर्माण प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति मिलती है। अन्य म्यूचुअल फंडों के विपरीत, इंडेक्स फंड अधिक Nifty में ट्रेडिंग कैसे करें लागत प्रभावी होते हैं और बेहतर डायवर्सिफिकेशन की पेशकश करते हैं, और निवेशकों को अच्छा रिटर्न प्रदान करने की अधिक संभावना रखते हैं। निफ्टी इंडेक्स फंड में निवेश करके, आप निफ्टी 50 इंडेक्स के सभी 50 घटकों में प्रभावी ढंग से निवेश करेंगे, जिससे आपको व्यापक बाजार में एक्सपोजर मिलेगा।

Conclusion -

निफ्टी डेरिवेटिव में निवेश करना व्यापार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है, यह एक शार्ट टर्म स्ट्रेटेजी है। इसका कारण यह है कि आप एक डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट में निवेशित रहने की अधिकतम अवधि 3 समाप्ति महीनों तक सीमित है। इसके अतिरिक्त, डेरिवेटिव भी काफी जोखिम भरे होते हैं और आपको सक्रिय रूप से प्रदर्शन की निगरानी करने की आवश्यकता होती है। अगर आप कम जोखिम वाली लंबी अवधि की निफ्टी ट्रेडिंग रणनीति की तलाश कर रहे हैं और नियमित निगरानी की आवश्यकता नहीं है, तो निफ्टी इंडेक्स फंड में निवेश करना सबसे अच्छा विकल्प होगा।

Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा

Trading Tips: किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए.

Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा

Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. (Image- Pixabay)

Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. चाहे आप मार्केट में ट्रेड करें या इंवेस्टमेंट, बाजार की इस उतार-चढ़ाव के बीच बेहतर फैसला लेना होता है ताकि रिस्क को घटा सकें और अपने रिटर्न को बढ़ा सकें. हालांकि किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए.

अफोर्डेबल रिल्क

अगर सब कुछ आपकी रणनीति के मुताबिक ही रहा तो शेयरों की ट्रेडिंग से आप शानदार मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन शेयर मार्केट में उतना ही रिस्क लेना चाहिए जितनी आपकी क्षमता हो. रिस्क का मतलब है कि आप कितनी पूंजी गंवाने की क्षमता रखते हैं. कभी भी ऐसे पैसे को निवेश करें जिसे आप गंवाना नहीं अफोर्ड कर सकते हैं. कोशिश करें कि शेयर मार्केट में ट्रेडि्ंग पिरामिड अप्रोच के साथ करें. रिस्क पिरामिड का मतलब है कि रिस्क के हिसाब से अपनी पूंजी को बांटकर ट्रेडिंग करना.

‘स्टॉप लॉस’ और ‘टेक प्रॉफिट’ के साथ करें ट्रे़डिंग

ट्रेडिंग के दौरान भाव में उतार-चढ़ाव को लगातार ट्रैक करना लगभग असंभव है. चूकने पर भारी नुकसान भी हो सकता है और बंपर मुनाफा भी. हालांकि रिस्क मैनेज करने के लिए जरूरी है कि आप स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें और बाजार की विपरीत परिस्थितियों में अपने प्रॉफिट को सुरक्षित करें. स्टॉप लॉस का मतलब सौदा शुरू करने से पहले ऐसा प्राइस लेवल तय करना है जिसके नीचे आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ टेक प्रॉफिट एक लिमिट ऑर्डर है जिसका इस्तेमाल एक खास भाव पहुंचने पर मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है.

तकनीकी का करें इस्तेमाल

ट्रेडिंग में संभवतः टाइम फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण टूल है. बाजार को लेकर सटीक अनुमान से आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. काफी समय पहले फॉरेक्स ट्रेडर्स को स्टॉक एक्सचेंज ऑफिसों से फॉरेक्स मार्केट के उतार-चढ़ाव की जानकारी लेनी होती थी लेकिन अब तकनीक का जमाना आ गया है जिससे ट्रेडर्स को रीयल टाइम में मार्केट डेटा मिल जाता है.

अपना रिसर्च करें

शेयरों की खरीद-बिक्री से पहले रिसर्च जरूर करना चाहिए. इससे आपको यह तय करने में आसानी होगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है. शेयर मार्केट से पैसे बनाने के लिए हमेशा किस्मत ही नहीं, एनालिसिस भी बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाती है. बाजार के रूझानों की बजाय स्पष्ट संकेत मिलने पर ही ट्रेडिंग करें. फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनी में निवेश कपना बेहतर फैसला है.

स्ट्रेटजी के साथ करें ट्रेडिंग

अगर आप शेयरों की खरीद-बिक्री यानी ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में प्रवेश करना चाहिए. इससे आपको यह स्पष्ट रूप से पता रहेगा कि आप किस तरह से ट्रेड करना चाहिए. जब आप स्ट्रेटजी के हिसाब से चलेंगे तो न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि आप बड़े स्तर पर चीजों को देख-समझ सकेंगे जो समय, इकनॉमिक ट्रेंड और मार्केट एक्सपेक्ट्स के हिसाब से बदलती रहती हैं.
(Article: Marc Despallieres, Chief Strategy & Trading Officer at Vantage)

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