सर्वोदय ड्राइवर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि राठौड़ ने कहा, ‘‘ सीएनजी में लगातार मूल्यवृद्धि हमारी जेब में छेद कर रही है. हमने आठ और 11 अप्रैल को प्रदर्शन किया लेकिन सरकार चुप साध कर बैठी है और उसने अबतक हमें बातचीत के लिए नहीं बुलाया है. हम 18 अप्रैल को चक्का जाम करेंगे.’’

Fuel Price Hike: दिल्ली में आज से ऑटो, टैक्सी और मिनी बस ड्राइवरों की हड़ताल शुरू

ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से तीन दिन में देश को हुआ 10 हजार करोड़ का नुकसान

transporter strike all over the country has cost 10k crores in 3 days

वहीं, उद्योगों को करोड़ों रुपये के नुकसान का आंकलन लगाया जा रहा है। कच्चा माल नहीं आने और तैयार माल की आपूर्ति नहीं होने से उद्यमियों से लेकर कारोबारियों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का दावा है कि जिले से बाहर जाने वाले तकरीबन छह हजार ट्रकों का चक्का पूरी तरह से जाम है।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में पड़ा असर
हड़ताल अगर जारी रही तो अगले एक-दो दिन में औद्योगिक शहर नोएडा-ग्रेटर नोएडा के उद्यमी तिलमिला उठेंगे। दरअसल, यहां ज्यादातर उद्योगों की सप्लाई दूसरे राज्यों में होती है। दोनों शहरों में स्थापित तकरीबन 10 हजार कोरेगोटेड, टेक्सटाइल, मेटल व प्लास्टिक मोल्डिंग, इलेक्ट्रिकल गुड्स और ऑटोमोटिव इकाइयां पुराने स्टॉक की बदौलत चल रही थीं जो अब खत्म होने को है।

6 हजार ट्रकों के पहिए थमे

नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 900 से ज्यादा ट्रांसपोर्टरों के करीब 10 हजार वाहन खाने पीने की वस्तुओं के अलावा औद्योगिक इकाइयों का सामान इधर से उधर पहुंचाने का काम करते हैं। नोएडा से दिल्ली के अलावा बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरांचल और हिमाचल, कोलकाता के बीच सबसे ज्यादा आवाजाही होती है। हालांकि, जिले के अंदर ट्रांसपोर्टरों की सेवाएं जारी हैं लेकिन कोई भी गाड़ी जिले से बाहर नहीं भेजी जा रही है। करीब 6 हजार ट्रकों के पहिए थम गए हैं।

इन मांगों को लेकर हड़ताल
डीजल की कीमत हड़ताल की कीमत कम होनी चाहिए, कीमतों में त्रैमासिक संशोधन हो। देशभर में टोल टैक्स से ट्रांसपोर्टरों पर भारी बोझ, टोल बैरियर मुक्त भारत बने। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस निर्धारण में पारदर्शिता और जीएसटी के दायरे से बाहर हो। ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर लगने वाला टीडीएस खत्म हो, ई वे बिल की समस्याएं खत्म हों। डायरेक्ट पोर्ट डिलीवरी योजना समाप्त हो, पोर्ट कंजेशन भी खत्म होना चाहिए।

दिल्ली में CNG की कीमतें बढ़ने से नाराज हुए ऑटो-कैब ड्राइवर, 18 अप्रैल से हड़ताल पर जाने का किया एलान

CNG Price Hike: दिल्ली ऑटो संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार की नीतियों के खिलाफ उनका प्रदर्शन जारी रहेगा और वे 18 अप्रैल से हड़ताल पर जाएंगे. सोनी ने आरोप हड़ताल की कीमत लगाया कि पिछले सात सालों में दिल्ली सरकार ने ऑटो रिक्शा एसोसिएशन के सदस्यों की कभी बैठक नहीं बुलाई.

गुरुवार को दिल्ली और आसपास के शहरों में सीएनजी और पीएनजी के दाम फिर बढ़ गए. (हड़ताल की कीमत फोटो: पीटीआई)

CNG Price Hike: सीएनजी के हड़ताल की कीमत दामों में ढाई रुपये की हालिया बढ़ोतरी से ऑटो, टैक्सी और कैब चालक एसोसिएशन नाराज है. दिल्ली में एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि हड़ताल की कीमत गैस के दाम पर सब्सिडी की अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए वे हड़ताल की कीमत 18 अप्रैल से हड़ताल पर चले जाएंगे. 11 अप्रैल को ऑटो, टैक्सी और कैब ड्राइवरों ने सीएनजी दाम पर सब्सिडी की मांग करते हुए दिल्ली सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया था. यह प्रदर्शन दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के बैनर तले किया गया था.

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सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन दिल्ली के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा, 'ईंधन की कीमतों में कमी और किराए में संशोधन कर हमारी मदद के लिए सरकार द्वारा कोई कदम न उठाए जाने पर हमने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.'

दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि दिल्ली सरकार कोई समिति बना रही है लेकिन हमें अपनी समस्याओं का समाधान चाहिए जो नजर नहीं आ रहा है.हमारी मांग है कि सरकार (केंद्र और दिल्ली) सीएनजी की कीमतों पर 35 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी प्रदान करे.''

सीएनजी की कीमतों पर सब्सिडी की मांग को लेकर सैकड़ों ऑटो, टैक्सी और कैब चालकों ने हाल ही में दिल्ली सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन किया था. सोनी ने कहा, 'हम हर रोज घाटे में चल रहे अपने ऑटो और कैब नहीं चला सकते क्योंकि सीएनजी की कीमतें सरपट दौड़ रही हैं.कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध करने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है.'

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