News18 हिंदी 1 दिन पहले News18 Hindi

Merging PF accounts: घर बैठे आसानी से पीएफ अकाउंट करें ऑनलाइन मर्ज, जानें आसान डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है तरीका

Merging PF Accounts: कई बार जॉब बदलने की वजह से लोगों के कई PF अकाउंट हो जाते हैं. जब आप किसी नई जगह पर नौकरी शुरू करते हैं, तो नई कंपनी आपसे आपका UAN मांगती है, जिससे लिंक करके वो आपके लिए नया ईपीएफ अकाउंट क्रिएट करती है और फिर आपकी सैलरी से ईपीएफ का पैसा कटता है EPFO के दो पुराने अकाउंट को मर्ज करने के लिए आपको EPFO की वेबसाइट पर विजिट करना होगा और सर्विस टैब में वन इम्प्लाई-वन EPF अकाउंट सेलेक्ट करना पड़ेगा. आप आसानी से घर बैठे ही अपने पीएफ खाते को ऑनलाइन की मदद से मर्ज कर सकते हैं. अगर आप भी अपने पीएफ खाते को ऑनलाइन की सहायता से मर्ज करना चाहते हैं, तो फिर चलिए जानते हैं इसके बारे में सारी डीटेल.

दो पीएफ खातों को मर्ज करना क्यों है जरूरी

जब आप नई कंपनी में जॉइनिंग के समय पुराने वाले यूएएन नंबर से ही डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है नया पीएफ खाता खोलते हैं तो नए पीएफ अकाउंट में पुरानी कंपनियों में जमा आपका फंड जुड़ नहीं पाता है. आपके नए पीएफ अकाउंट में पुराना फंड भी जुड़ जाए इसके लिए आपको इन्हें मर्ज करना होगा.

Zee Business Hindi Live TV यहां डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है देखें

कैसे जानें UAN?

  • यदि आपको अपना यूएएन नंबर नहीं पता है, तो आप इसे ऑनलाइन जान सकते हैं. इसके लिए आपको ‘https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/’ पर जाना होगा.
  • यहां दाईं ओर एंप्लॉयी लिंक्ड सेक्शन पर क्लिक करें और फिर ‘नो योर यूएएन’ नंबर पर क्लिक करें.
  • इसके बाद आपको रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड भरना होगा.
  • इसके बाद रिक्वेस्ट ओटीपी पर क्लिक करें.
  • अब आपके सामने एक पेज खुलेगा.
  • इस पर आपको अपना पीएफ अकाउंट नंबर और कैप्चा भरना होगा.
  • जन्मतिथि के साथ आधार या पैन नंबर डालना होगा.
  • इसके बाद ‘शो माय यूएएन नंबर’ पर क्लिक करें, आपको अपना यूएएन मिल जाएगा.

पीएफ अकाउंट कितने दिन में बंद होता है?

कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) आपके खाते को 36 महीने तक चलता रहता है. अगर 36 महीने तक कोई ट्रांजेक्‍शन आपके पीएफ खाते में नहीं होता तो आपका खाता अपने आप बंद हो जाएगा. EPFO ऐसे खातों को इन ऑपरेटिव कैटेगरी में डाल देता है. इसका मतलब है कि आपका खाता अब ऑपरेट नहीं हो रहा है.

पता कर लें अपना UAN

आपको अपना यूएएन यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (Universal Account Number) पता होना चाहिए. इससे आप अपने प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) से जुड़ी तमाम तरह की ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं. जानें यूएएन (UAN) पता करने का आसान का तरीका.

दो या उससे ज्यादा EPF Account को लिंक करने का तरीका क्या है-

Smuggling In India: डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है जाली नोट, सोने की स्मगलिंग में बढ़ोतरी ने बढ़ाई चिंता, सीमा पार भेजा जा रहा विदेशी करेंसी!

Smuggling In India Update: डीआरआई के मुताबिक म्यांमार और बांग्लादेश बार्डर का सबसे ज्यादा स्मगलिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

Smuggling Menace In India: देश से विदेशी मुद्रा को स्मगलिंग कर बाहर भेजा जा रहा है. तो कोराना महामारी के बाद भारत में जाली नोट की सप्लाई बढ़ गई है. इतना ही नहीं देश में गोल्ड की स्मगलिंग में भी भारी इजाफा हुआ है. जिसमें हैरान करने वाली बात ये है स्मगलिंग करने के लिए म्यांमार और बांग्लादेश बार्डर स्मगलरों के लिए सबसे मुफीद रास्ता बन चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस के 65वें फाउंडेशन डे कार्यक्रम में स्मगलिंग इंडिया 2021-22 रिपोर्ट जारी किया है. जिसके मुताबिक बड़ी मात्रा में सोने की स्मगलिंग कर उसे भारत लाया जा रहा है. तो कोरोना के बाद जाली नोट की जब्ती बढ़ी है. वहीं भारत से बड़ी मात्रा विदेशी करेंसी को छुपाकर बाहर ले जाया जा रहा है, जिसमें 73 फीसदी डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है हिस्सेदारी डॉलर की है.

म्यांमार से सोने की स्मगलिंग
इस रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 में डीआरआई ने 405.35 करोड़ रुपये के वैल्यू के बराबर 833.07 किलो स्मगलिंग की जा रही सोने को जब्त किया है. जिसमें सबसे ज्यादा 37 फीसदी सोना डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है म्यांमार ऑरिजिन का है. जबकि पहले स्मगलिंग वाले सोने में वेस्ट एशिया का बड़ा हिस्सा हुआ करता था. 73 फीसदी सोना म्यांमार और बांग्लादेश के रास्ते भारत में स्मगलिंग किया गया है. पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के रास्ते सबसे ज्यादा सोने की स्मगलिंग हो रही है.

विदेशी करेंसी की स्मगलिंग
भारत से बाहर विदेशी करेंसी की स्मगलिंग बढ़ी है खासतौर से डॉलर की. डीआरआई के रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी करेंसी की स्मगलिंग से देश की आर्थिक सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है. हवाला सेंटलमेंट, स्मगलिंग के जरिए गैरकानूनी तरीके से विदेशी करेंसी देश से बाहर ले जाया जा रहा है. फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) ने माना कि पूरी दुनिया में विदेशी करेंसी की स्मगलिंग मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा जरिया बन चुकी है. डीआरआई ने जो स्मगलिंग किए जाने वाले विदेशी करेंसी को सीज किया है उसमें 75 फीसदी अमेरिकी डॉलर, 22 फीसदी यूएई दिरहम और 3 फीसदी सऊदी रियाद शामिल है.

जाली नोट से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा!
डीआरआई के रिपोर्ट के मुताबिक फेक करेंसी से राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे बड़ा खतरा पैदा होता है.बांग्लादेश और नेपाल की सीमा के जरिए जाली नोट भारत में स्मगलिंग की जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया कि 2020 के मुकाबले 2021 में जाली नोटों की जब्ती बढ़ी है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के हवाले से बताया गया है कि कोरोना महामारी के चलते जाली नोटों की रिकवरी 2020 में कम हुई थी. लेकिन कोविड बंदिशें के हटने के बाद जाली नोट के धंधे में शामिल लोग फिर से हरकत में आ गए हैं और देश में जाली नोटों की सप्लाई बढ़ गई है. बांग्लादेश और म्यांमार बार्डर का जाली नोट भारत में भेजने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

थर्मस से आने लगी है बदबू तो बिना डिटर्जेंट के इस तरह करें सफाई

News18 हिंदी लोगो

News18 हिंदी 1 दिन पहले News18 Hindi

How to Clean Thermos Flask safely: विंटर आ चुका है. ऐसे में पानी, चाय, सूप आदि को लंबे समय तक गर्म रखने के लिए लोग थर्मस फ्लास्‍क का इस्‍तेमाल करते हैं. यही नहीं, बच्‍चे और ऑफिस जाने वाले लोग भी इसका इस्‍तेमाल, सूप, चाय या गर्म पानी को रखने के लिए करते हैं. ऐसे में बार-बार इस्‍तेमाल करने के बाद इनकी सफाई करना मुश्किल काम लगता है. यही नहीं, कई बार साबुन का इस्‍तेमाल करने पर भी इसके अंदर बैक्‍टीरिया पनपने लगते हैं और बोतल के अंदर से बदबू आने लगती है. ऐसे में अगर आप सही हाइजीन फॉलो करना चाहते हैं और थर्मस फ्लास्‍क को हमेशा फ्रेश और क्‍लीन रखना चाहते हैं तो इसकी नियमित सफाई बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं इसका आसान और असरदार तरीका क्‍या है.

थर्मस बोतल को साफ करने का तरीका

विनेगर और बेकिंग सोड़ा का इस्‍तेमाल

आप अपने फ्लास्‍क में आधा कप वाइट विनेगर डालें और इसमें एक चम्‍मच बेकिंग सोड़ा डालें. अब इसमें थोड़ा सा गर्म पानी डालें. कैमिकल रिएक्‍शन की वजह से ये क्‍लीन होने लगेगा. दस मिनट बाद आप ब्रश की मदद से इसे रगड़ लें. आपका फ्लास्‍क अंदर से भी चमकने लगेगा.

बर्फ और नमक का इस्‍तेमाल

आप अपने बोतल में कुछ बर्फ के टुकड़े और एक चम्‍मच नमक को डालें और ढक्‍कन बंद कर दें. अब इसे अच्‍छी तरह से शेक करें. अब ब्रश की मदद से इसे अंदर से रगड़ें. थर्मस अंदर से क्‍लीन हो जाएगा.

दंत पाउडर और गर्म पानी का इस्‍तेमाल

थर्मस में 1 कप गर्म उबलता पानी डालें और इसमें दांत साफ करने वाला पाउडर डाल लें. आप डेंटर टैबलेट का भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं. अच्‍छी तरह से हिलाकर 5 से 10 मिनट तक छोड़ दें. अब ब्रश की मदद से इसे रगड़कर साफ कर लें. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

मोदी के राज में रुपया मनमोहन के राज से भी कमज़ोर हो चुका है

अब तक भारतीय रुपये का रिकॉर्ड 28 अगस्त 2013 का बताया जाता है जब एक डॉलर की कीमत 68 रुपये 83 पैसे हो गई थी. बुधवार को यह 68 रुपये 63 पैसे हो गई. आज 69 रुपया हो गया है. The post मोदी के राज में रुपया मनमोहन के राज से भी कमज़ोर हो चुका है appeared first on The Wire - Hindi.

अब तक भारतीय रुपये का रिकॉर्ड 28 अगस्त 2013 का बताया जाता है जब एक डॉलर की कीमत 68 रुपये 83 पैसे हो गई थी. बुधवार को यह 68 रुपये 63 पैसे हो गई. आज 69 रुपया हो गया है.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi and former prime minister Manmohan Singh after paying tributes to Babasaheb B R Ambedkar on the occasion of his 127th birth anniversary, at Parliament House in New Delhi on Saturday. PTI Photo by Atul Yadav (PTI4_14_2018_000022B)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह. (फाइल फोटो: पीटीआई)

श्री श्री रविशंकर का एक पुराना ट्वीट इंटरनेट पर घूमता रहता है. उन्होंने कहा था कि यह जानकर ही ताज़गी आ जाती है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही एक डॉलर की कीमत 40 रुपये हो जाएगी. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बने चार साल से ज़्यादा हो रहे हैं और रुपया कभी 40 के आस पास नहीं पहुंचा.

इस बात को लेकर किसी को आहत होने की ज़रूरत नहीं है. यह कत्तई ज़रूरी नहीं है कि आप जनता से झूठ भी बोलें और करके भी दिखा डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है दें. बस इतना ध्यान में रखें कि चुनावी साल में लोग कैसी-कैसी मूर्खतापूर्ण बातें करते हैं और लोगों को उल्लू भी बना लेते हैं. वैसे अगर रविशंकर कुछ कर सकते हैं तो उन्हें करना चाहिए ताकि अमरीका और चीन के चक्कर में भारतीय रुपया और न लुढ़क जाए.

अभी तक भारतीय रुपये का रिकॉर्ड 28 अगस्त 2013 का बताया जाता है जब एक डॉलर की कीमत 68 रुपये 83 पैसे हो गई थी. बुधवार को 68 रुपये 63 पैसे हो गई. आज 69 रुपया हो गया है.

इस तरह से मोदी के राज में रुपया मनमोहन के राज से भी कमज़ोर हो चुका है. संभावना है कि रामदेव और रविशंकर को शर्मिंदा होना पड़ रहा होगा. इसलिए दोनों को बोलना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी के कारण उनकी ज़ुबान ख़ाली जा रही है.

तब दोनों आर्थिक मामले में कितनी दिलचस्पी लेते थे, संकट तो वही है, फिर अचानक से क्यों मुंह मोड़ लिया है, यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है.

‘प्रधानमंत्री बहुत अच्छी तरह से समझते हैं कि हम ईरान को लेकर कहां खड़े हैं. उन्हें इस पर सवाल नहीं किया न इसकी आलोचना की. वे समझ गए हैं और वे यह भी समझते हैं कि अमेरिका के साथ संबंध मज़बूत हैं और महत्वपूर्ण हैं और इन्हें बनाए रखने की ज़रूरत है.’

प्रधानमंत्री मोदी के बारे में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली का बयान ध्यान से पढ़िए. कितने प्यार से चेतावनी रही हैं. भारत के दौरे पर आईं हेली ने साफ-साफ कहा है कि भारत को ईरान से तेल का आयात बंद करना पड़ेगा.

भारत ईरान से काफी मात्रा में कच्चे तेल का आयात करता है. सस्ता भी पड़ता है. चाबहार में बंदरगाह भी बना रहा है जो भारत के लिए महत्वपूर्ण है. अमेरिका ने इतना कहा है कि वह यह देखेगा कि चाबहार पोर्ट को इस्तमाल कर सकता है मगर नवंबर के बाद से अमेरिका ईरान पर प्रतिबंध को लेकर गंभीर हो जाएगा. अगर ऐसा हुआ तो भारत के लिए नई चुनौती खड़ी होगी.

rupee_dollar_pti

भारतीय रिज़र्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) आई है. इसमें बैंकों के लोन के एनपीए में बदलने को लेकर फिर से चिंता जताई गई है. अगर सबकुछ ऐसा ही चलता रहा तो मार्च 2019 तक सभी बैंकों का एनपीए उनके दिए गए लोन का 12.2 प्रतिशत हो जाएगा.

अगर ऐसा हुआ तो 2000 के बाद यह सबसे अधिक होगा. वैसे अंतरराष्ट्रीय हालात को देखते हुए एनपीए 13.3 प्रतिशत तक भी जा सकता है.

बिजनेस स्टैंडर्ड ने अपने संपादकीय में लिखा है कि इसे देखकर नहीं लगता कि एनपीए को कम करने के जो भी उपाय किए गए हैं उनका कुछ असर हुआ है. आपको याद हो कि वित्त मंत्री ने बैंकों को बचाने के लिए कई हज़ार करोड़ के पैकेज देने की बात कही थी और दिया भी गया है.

दीवालिया और विलय को लेकर जो नया कानून बना है उसका भी इस संकट को कम करने में बहुत शानदार रिकॉर्ड नहीं है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में 706 मामले हैं जिनमें से अभी तक 176 का ही निपटारा हुआ है. जिस स्केल का यह सकंट है उसे देखते हुए नहीं लगता है कि ये सब कदम काफी होंगे. ऐसा बिजनेस स्टैंडर्ड ने लिखा है.

27 जून के बिजनेस स्टैंडर्ड में एक ख़बर छपी है जिस पर ध्यान डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है जाना चाहिए. चीन ने लंका को कर्ज़ दे देकर वहां अपनी घुसपैठ बना ली है. चीन ने लंका के हंबनतोता में बंदरगाह बनाने के लिए कर्ज़ दिया है.

भारत को इसकी व्यावहारिकता में संदेह था इसलिए कर्ज़ नहीं दिया था. चीन अब लंका पर कर्ज़ा चुकाने का दबाव बनाने लगा. ये हालत हो गई कि लंका ने 99 साल के लिए बंदरगाह और 15000 एकड़ ज़मीन लीज़ पर दे दी है.

इतिहास में इन्हीं रास्तों से मुल्कों पर कब्ज़े हुए थे. बताने की ज़रूरत नहीं है. अब इस बंदरगाह पर चीन का नियंत्रण हो गया है. ज़ाहिर है लंका के सामने भारत है तो भारत को चिंता करनी पड़ेगी.

रेटिंग: 4.56
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 646