8. ऊपरी खचें कम होने से माल सस्ता बेचा जा सकता है ।
एकल स्वामित्व: अर्थ, लाभ और हानियां | Sole Proprietorship: Meaning, Advantages and Disadvantages in Hindi
एकल स्वामित्व: अर्थ, लाभ और हानियां! Read this article in Hindi to learn about:- 1. एकल स्वामित्व का अर्थ (Meaning of Sole Proprietorship) 2. एकल स्वामित्व के लाभ (Advantages of Sole Proprietorship) 3. हानियां (Disadvantages).
एकाकी व्यापार, व्यापार का वह स्वरूप है जिसे एक व्यक्ति ही प्रारम्भ करता है चलाता है तथा जिसके लाभ और हानि उसके ही द्वारा सहन किये जाते है । चार्ल्स इन, गर्स्टनबर्ग के अनुसार ‘एकाकी व्यापार वह व्यापार है जो एक व्यक्ति द्वारा ही प्रारम्भ किया जाता है तथा वही व्यक्ति उसका संचालन कर उसके लाभ-हानि का पूर्ण उत्तरदायी होता है ।’
इससे इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि एकाकी व्यापार में पूंजी उसी व्यक्ति को लगानी पड़ती है जो व्यापार प्रारम्भ करता है । उसके संगठन तथा प्रबन्ध का पूर्ण दायित्व उसी पर होता है तथा वह उसे अपनी रुचि के अनुसार कर सकता है । उन सेवाओं के प्रतिफल में व्यापार से जो कुछ लाभ होता है उसका अधिकारी भी वह स्वयं ही है ।
एकल स्वामित्व के लाभ (Advantages of Sole Proprietorship):
1. यह बगैर कानूनी अडचनों के प्रारम्भ किया जा सकता है ।
2. इसमें एक ही व्यक्ति स्वामी होता है, अतः वह व्यापार की उन्नति के लिए निरन्तर प्रयत्नशील रहता है ।
3. इसमें व्यापारी को किसी कार्य को करने की अनुमति नहीं लेनी पडती, इसलिए वह व्यापारिक अवसरों का लाभ उठाकर लाभप्रद व्यापार करने में सफल हो जाता है ।
4. इसमें व्यापार का संचालन एक ही व्यक्ति के हाथ में होने से व्यवसाय में गोपनीयता बनाये रखना सम्भव है ।
5. इसमें व्यापारी ग्राहक के सीधे सम्पर्क में आता है, अतः वह ग्राहक की रुचियों से परिचित रहता है ।
6. इसमें कर्मचारियों के साथ सीधा संबंध सम्भव है, अतः उनसे मधुर संबंध बनाये रखने में सुविधा होती है ।
7. होने वाला सभी लाभ मालिक को ही मिलता है इसलिए वह अपनी योग्यता व रुचि से कार्य करता है ।
एकल स्वामित्व की हानियां (Disadvantages of Sole Proprietorship):
1. पूंजी सीमित होने के कारण आधुनिक फैक्टरी लगाना संभव नहीं है ।
2. अपरिमित दायित्व होता है ।
3. मालिक सभी तकनीकों में दक्ष नहीं हो सकता है ।
4. व्यवसाय का विस्तार सीमित होता है ।
5. मालिक की अक्षमता के कारण व्यवसाय में हानि होने पर उसे बन्द करना पड़ सकता है ।
6. मालिक की मृत्यु हो जाने पर अथवा कार्य करने में असमर्थ होने पर आवश्यक नहीं कि उसके उत्तराधिकारी भी उतनी ही योग्यता से व्यापार चला सके, इसलिए व्यापार प्रायः बिगड जाता है अथवा उसका अन्त हो जाता है ।
Female fertility: ये 5 लक्षण बताते हैं महिलाओं में अच्छी फर्टिलिटी, जानिए आपकी प्रेग्नेंसी मुश्किल होगी या आसान?
प्रेग्नेंसी कंफर्म करने के लिए सिर्फ प्रेग्नेंसी टेस्ट पर निर्भर नहीं रहें बल्कि अल्ट्रासाउंड भी कराएं। photo-freepik
What are the top 5 causes of female fertility: मातृत्व दुनिया की हर महिला के लिए एक खूबसूरत और आनंददायक अनुभव होता है। लेकिन इसके साथ ही कई चुनौतियों और कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। आज की खराब जीवन शैली और अनुचित खान-पान की आदतें महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं। जिससे कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कुछ महिलाएं बहुत आसानी से गर्भवती हो जाती हैं। उस समय हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आप समझ सकते हैं कि आपकी फर्टिलिटी कितनी अच्छी है।
आपकी उम्र 20 से 25 के बीच होनी चाहिए
अब तक दुनिया भर में किए गए शोध से पता चला है एक सफल व्यापारी के लक्षण कि 20 से 24 साल की उम्र के बीच किसी भी महिला की प्रजनन क्षमता सबसे अच्छी होती है। वास्तव में प्रजनन एक सफल व्यापारी के लक्षण आयु सभी महिलाओं के लिए समान नहीं होती है और अलग-अलग हो सकती है। हालांकि, कई शोधों से पता चला है कि उम्र के साथ प्रजनन क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है।
सभी महिलाओं के लिए समय-समय पर उनके मासिक धर्म में अनियमितता का अनुभव होना सामान्य है। लेकिन अगर इसमें बहुत ज्यादा गड़बड़ी हो तो यह टेंशन की बात है। अगर आपका मासिक धर्म हर महीने नियमित है, तो यह अच्छी प्रजनन क्षमता का संकेत है।
गुणसूत्र
जब गर्भावस्था की बात आती है, तो आपने अन्य महिलाओं से उन कठिनाइयों के बारे में सुना होगा जिन्हें गर्भधारण करने में उन्हें या उनके करीबियों को सामना करना पड़ता है। लेकिन पारिवारिक इतिहास के आधार पर किसी महिला की प्रजनन क्षमता की भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है।
यदि मासिक धर्म के दौरान योनि से स्पष्ट, गंधहीन स्राव (डिस्चार्ज) होता है, तो यह एक अच्छा संकेत है। इसका मतलब है कि गर्भाशय (शुक्राणु) शुक्राणु को आसानी से चलने और आरोपण के लिए मदद करता है। यह गर्भावस्था के शुरुआती चरणों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
क्या हैं महामूर्ख के लक्षण
*सफलता कोई सीमित उपलब्धि का नाम नहीं है, कि आपने बी ए, एम ए पास कर ली, आप सफल हो गए। और इसके बाद सफलता समाप्त हो गई। यह सफलता तो प्रतिमिनट प्रतिघंटे प्रतिदिन होती है, और जीवन भर चलती है।*
वास्तव में सफलता का अर्थ है, — *प्रतिदिन विद्या, उत्तम आचरण और सुख बढ़ना चाहिए; यदि विद्या, उत्तम आचरण और सुख बढ़ता जा रहा है। जीवन में आनंद शांति उत्साह निर्भयता निश्चिंतता सहनशीलता सेवा परोपकार निष्कामता आदि बढ़नी एक सफल व्यापारी के लक्षण चाहिए। यदि ये सब बढ़ते जा रहे हैं। समाज के बुद्धिजीवी धार्मिक सदाचारी चरित्रवान ईश्वरभक्त आस्तिक ईमानदार लोगों में आप की प्रतिष्ठा बढ़नी चाहिए, यदि वह बढ़ती जा रही है। जीवन में दुख अशांति भय चिन्ता आदि घटनी चाहिए। यदि ये सब घटते जा रहे हैं। अविद्या, राग द्वेष मिथ्या आचरण लोभ क्रोध ईर्ष्या जलन असहिष्णुता झूठ छल कपट चालाकी धोखाधड़ी और दुख आदि कम होना चाहिए; यदि अविद्या, मिथ्या आचरण और दुख आदि ये सब कम होता जा रहा है। अर्थात जो जो प्राप्त होना चाहिए, उसे आप उत्तरोत्तर प्राप्त करते जा रहे हैं। तथा जिस जिस चीज से छूटना चाहिए, उससे आप उत्तरोत्तर छूटते जा रहे हैं। तो इसका नाम सफलता है।*
इस कसौटी पर अपने आपको कस कर देखें, तो वास्तव में आप को पता चलेगा, कि आप अपने जीवन में सफल हो रहे हैं, या असफल हो रहे हैं।
आजकल लोगों ने सफलता की परिभाषा बदल ली है। *परंतु किसी के द्वारा परिभाषा बदल लेने से वह वस्तु नहीं बदल जाती। बल्कि वह व्यक्ति स्वयं भ्रांति में पड़कर अधिक से अधिक दुख भोगता रहता है। और दूसरों को भी भ्रांति में डाल कर पाप का भागी बनता है।*
*कुछ लोग यदि सत्य की उपेक्षा करके झूठ को ही सत्य कहने लगें, तो उनके कहने से झूठ, सत्य नहीं बन जाता। कोई दुख को सुख कहने लगे, तो उसके कहने से, वह दुख, सुख नहीं बन जाता। दुख तो दुख ही रहेगा, और वह व्यक्ति को परेशान भी निश्चित रूप से करेगा ही।* इसी प्रकार से सफलता की परिभाषा बदल लेने से वास्तव में सफलता बदलती नहीं है, बल्कि व्यक्ति स्वयं को भ्रांति और धोखे में रखता है, और असफल होता रहता है। इसलिए भ्रांति में न रहकर सत्य को ही स्वीकार करना चाहिए।
*आजकल के लोगों की सफलता की परिभाषा* —
एक व्यक्ति को स्कूल कॉलेज में प्रवेश मिल गया। उसने पढ़ाई की। उसे अच्छी डिग्री मिल गई। कोई अच्छी नौकरी मिल गई, जिसमें अधिक वेतन हो। अथवा कोई अच्छा व्यापार जमा लिया जिसमें बहुत अच्छी धन की प्राप्ति होती हो। बड़ा सा बंगला बना लिया. 1 या 2 कारें खरीद ली। घर में नौकर चाकर हो गए। अधिक धन कमा लेने के कारण समाज में कुछ प्रतिष्ठा भी हो गई। कुछ बोलना सीख लिया, चालाकी से बोल बोल कर लोगों को प्रभावित करना / बहकाना सीख लिया। कुछ कमजोर व्यक्ति उस की चालाकी से डरने लगे। उसके सामने चुप रहने लगे, और ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति यदि ऐसा मानने लगे, कि *मैं तो सफल हो गया हूँ।* तो यह उसकी भ्रांति है। यह वास्तविक सफलता नहीं है। केवल झूठी सफलता का प्रदर्शन मात्र है। और वह भी आजकल की सफलता की गलत परिभाषा के अनुसार! क्योंकि यह आजकल वाली परिभाषा तो, कोई वास्तविक सफलता की परिभाषा ही नहीं है।
*मूर्खता की एक और पहचान — जो व्यक्ति कुछ थोड़ा बहुत पढ़ गया, कुछ डिग्रियाँ भी प्राप्त कर ली। वह यद्यपि वास्तव में पूरा विद्वान नहीं है, अनेक भ्रांतियों से युक्त है, और फिर भी सम्मान ऊंचे विद्वानों जैसा चाहता है। वह दूसरों के साथ बिना प्रसंग की बातें करता है। अन्यों पर झूठे आरोप लगाता है, छल कपट से उनका खंडन करता है। दूसरों को नीचा दिखाना चाहता है। स्वयं को ही सबसे ऊंचा विद्वान मानता है। स्वयं को बहुत बुद्धिमान तथा सफल मानता है। दूसरों को मूर्ख एवं असफल समझता है। ऐसा व्यक्ति स्वयं असफल एवं महामूर्ख है।* वह अपनी भ्रांतियों के कारण, जीवन के अनेक क्षेत्रों में असफल होता है। कुछ बुद्धिमान लोग उसे पहचान लेते हैं कि यह इतना बड़ा व्यक्ति नहीं है, जितना यह अपने आप को दिखाता है। उन बुद्धिमानों की दृष्टि में वह मूर्ख और असफल व्यक्ति कहलाता है।*
*यदि सामान लोग आपको बुद्धिमान एवं सफल व्यक्ति मानते हैं, तो इसे एक सफल व्यापारी के लक्षण सफलता का वास्तविक प्रमाण पत्र न समझिएगा। यदि समाज के बुद्धिमान धार्मिक सदाचारी लोग आपको बुद्धिमान एवं सफल व्यक्ति मानते हैं, तो यही आपकी बुद्धिमत्ता और असफलता का वास्तविक प्रमाण पत्र है। ध्यान रहे, जनता का दिया हुआ प्रमाण पत्र मान्य नहीं होता, किसी प्रामाणिक विश्वविद्यालय आदि संस्था का दिया हुआ प्रमाण पत्र ही मान्य होता है।*
कृपया आप सब भी इन बातों के आधार पर अपना अपना परीक्षण निरीक्षण करें। अपने जीवन की दिशा और दशा को समझें, तथा तुलना करें, कि कहीं आप भी तो किसी अज्ञानी महामूर्ख व्यक्ति की नकल तो नहीं कर रहे हैं?
— *स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक।*🌞🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
व्यापार में वृद्धि के लिए ज्योतिष के बस 3 नियम पालन कीजिए | jyotish for business
ज्योतिष मे जीवन के हर पहलू को विस्तार से समझाया गया है आकाश मे घूमने वाले ये नवग्रह हमारे जीवन के हर पहलु को नियंत्रित करते है जीवन मे सफलता हिम्मत वालो को ही मिलती है। व्यापार मे जो आदमी हिम्मत और चतुराई से फैसला लेता है सफलता उसे ही मिलती है। इसके लिये आपको दूरदर्शिता सटीक अनुमान और सबसे खास बात हिम्मत से काम लेना होगा। व्यापार से जुड़े खास ग्रह इस प्रकार हैं:
गुरु: व्यापार मे सबसे बड़ी चीज़ होती है पूँजी। इसके बिना व्यापार करना असम्भव है यह गुरु ग्रह से ही देखी जाती है एक तरह से गुरु ग्रह आपकी हर तरह की वृद्धि को दिखाता है। यह ग्रह पुण्य को भी प्रदर्शित करता है यदि आप व्यापार करते हुए पुण्य भी कर रहे है तो धीरे धीरे आपका व्यापार बढ़ता जायेगा। अन्न दान गुरु ग्रह के लिये सबसे बड़ा दान है। इसीलिये यथा सम्भव अन्नदान हर व्यापारी को अवश्य करना चाहिये जिससे गुरु एक सफल व्यापारी के लक्षण मजबूत होगा तथा आपको व्यापार मे पूँजी की कमी नही आयेगी।
Female fertility: ये 5 लक्षण बताते हैं महिलाओं में अच्छी फर्टिलिटी, जानिए आपकी प्रेग्नेंसी मुश्किल होगी या आसान?
प्रेग्नेंसी कंफर्म करने के लिए सिर्फ प्रेग्नेंसी टेस्ट पर निर्भर नहीं रहें बल्कि अल्ट्रासाउंड भी कराएं। photo-freepik
What are the top 5 causes of female fertility: मातृत्व दुनिया की हर महिला के लिए एक खूबसूरत और आनंददायक अनुभव होता है। लेकिन इसके साथ ही कई चुनौतियों और कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। आज की खराब एक सफल व्यापारी के लक्षण जीवन शैली और अनुचित खान-पान की आदतें महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं। जिससे कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कुछ महिलाएं बहुत आसानी से गर्भवती हो जाती हैं। उस समय हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आप समझ सकते हैं कि आपकी फर्टिलिटी कितनी अच्छी है।
आपकी उम्र 20 से 25 के बीच होनी चाहिए
अब तक दुनिया भर में किए गए शोध से पता चला है कि 20 से 24 साल की उम्र के बीच किसी भी महिला की प्रजनन क्षमता सबसे अच्छी होती है। वास्तव में प्रजनन आयु सभी महिलाओं के लिए समान नहीं होती है और अलग-अलग हो सकती है। हालांकि, कई शोधों से पता चला है कि उम्र के साथ प्रजनन क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है।
सभी महिलाओं के लिए समय-समय पर उनके मासिक धर्म में अनियमितता का अनुभव होना सामान्य है। लेकिन अगर इसमें बहुत ज्यादा गड़बड़ी हो तो यह टेंशन की बात है। अगर आपका मासिक धर्म हर महीने नियमित है, तो यह अच्छी प्रजनन क्षमता का संकेत है।
गुणसूत्र
जब गर्भावस्था की बात आती है, तो आपने अन्य महिलाओं से उन कठिनाइयों के बारे में सुना होगा जिन्हें गर्भधारण करने में उन्हें या उनके करीबियों को सामना करना पड़ता है। लेकिन पारिवारिक इतिहास के आधार पर किसी महिला की प्रजनन क्षमता की भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है।
यदि मासिक धर्म के दौरान योनि से स्पष्ट, गंधहीन स्राव (डिस्चार्ज) होता है, तो यह एक अच्छा संकेत है। इसका मतलब है कि गर्भाशय (शुक्राणु) शुक्राणु को आसानी से चलने और आरोपण के लिए मदद करता है। यह गर्भावस्था के शुरुआती चरणों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
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