NSE New CEO: अब आशीष चौहान संभालेंगे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, सेबी से मिली हरी झंडी
BSE के MD&CEO आशीष कुमार चौहान अब जल्द ही NSE के प्रमुख का कार्यभार संभालने जा रहे है. SEBI ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.
By: ABP Live | Updated at : 18 Jul 2022 05:51 PM (IST)
Edited By: Sandeep
NSE India New CEO : बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (MD&CEO) आशीष कुमार चौहान अब नई भूमिका में नजर आएंगे. आपको बता दे कि आशीष चौहान जल्द ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के प्रमुख का कार्यभार संभालने जा रहे है. एनएसई ने जानकारी देते हुए बताया कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. उनकी नियुक्ति के लिए एक्सचेंज के शेयरधारकों की मंजूरी ली जानी है.
5 साल कमान संभालेंगे
आशीष चौहान को 5 साल के लिए नियुक्त किया गया है. बता दे कि अभी वह बीएसई के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ के पद पर हैं. अब वह विक्रम लिमये का स्थान लेंगे. लिमये का कार्यकाल 16 जुलाई 2022 शनिवार को समाप्त हो गया था. पात्र होने के बावजूद लिमये ने एनएसई में एक और कार्यकाल की मांग नहीं की है.
चल रही घोटाले की जांच
आशीष चौहान एनएसई के संस्थापकों में से एक हैं. आपको बता दे कि उनकी नियुक्ति ऐसे समय पर हो रही है जब एक्सचेंज कामकाज के संचालन की खामियों से नियामकीय जांच के घेरे में है. इसके अलावा एक्सचेंज को-लोकेशन से संबंधित घोटाले की जांच का सामना कर रहा है. को-लोकेशन मामले में एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं सीईओ चित्रा रामकृष्ण को पद से हटा गया था. बाद में उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था.
IPO लेकर आएगा NSE
आपको बता दे कि एनएसई ने 4 मार्च को अपने प्रबंध निदेशक और सीईओ पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. चौहान 2009 से बीएसई में हैं. उन्हें BSE को सबसे तेज एक्सचेंज बनाने का श्रेय जाता है. चौहान के पास बीएसई के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) को सफलतापूर्वक पूरा करने का अनुभव है. मालूम को कि एनएसई काफी समय से IPO की तैयारी में है.
News Reels
यह भी पढ़ें:
Published at : 18 Jul 2022 05:51 PM (IST) Tags: NSE SEBI ipo bse stock exchange हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Stock Exchange क्या है
चिंता मत कीजिये, इस लेख में आपको स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ी सारी जानकारी मिलेगी, जानकारी समझने में आसान और पढ़ने में मजेदार है इसलिए आराम से पूरा लेख जरूर पढ़े। और कोई प्रश्न पूछना हो तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है, में आपका रिप्लाई जरूर करूँगा।
Stock Exchange क्या होता है
किसी भी अन्य बाजार की तरह, स्टॉक एक्सचेंज एक बाजार है। जहां खरीदार और विक्रेता स्टॉक या शेयर खरीदने और बेचने के लिए उपलब्ध होते हैं। Stock Exchange शेयर्स को बेचने और खरीदने की व्यवस्था उपलब्ध करवाता है। साथ ही सभी गतिविधियों को नियंत्रित भी करता है।
यह वह जगह है जहा अलग अलग companies के शेयर्स लिस्टेड होते है। Buyers और Sellers सिर्फ किसी स्टॉक एक्सचेंज में listed companies के शेयर्स को खरीद और बेच सकते है। Traders शेयर्स को trade करते है और Investors शेयर्स को लम्बे समय के लिए खरीदते है।
Shares को Online ही खरीदा और बेचा जाता है, जिसे online Trading या Online Stock Trading कहते है। Stock Exchange पर ट्रेडिंग करने से पहले एक अच्छा broker चुनना बहुत जरुरी है, जो कम charges में अच्छी सुविधाएँ प्रदान करे।
Stock Exchange पर क्या खरीदा और बेचा जाता है
- इक्विटी सिक्योरिटीज जैसे स्टॉक्स/शेयर्स
- डेब्ट सिक्योरिटीज जैसे बांड्स और डिबेंचर्स
- Derivatives
भारत में कई Stock Exchanges है जो Buyers और Sellers को एक platform प्रोवाइड करवाते है जिससे वे शेयर्स का लेन-देन कर सके। किसी Stock Exchange पर कम buyers और sellers होते है और किसी पर ज्यादा। ज्यादा Buyers और Sellers होने का अर्थ है वह स्टॉक एक्सचेंज एक प्रचलित और विश्वशनीय स्टॉक एक्सचेंज है।
भारतीय Stock Exchange | स्थापना |
---|---|
BSE – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज | 1875 |
NSE – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज | 1992 |
CSE – Calcutta Stock Exchange | 1863 |
India INX – India International Exchange | 2017 |
MSE – Metropolitan Stock Exchange | 2008 |
MCX – Multi Commodity Exchange | 2003 |
NCDEX – National Commodity & Derivatives Exchange Ltd | 2003 |
भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज
India में प्रमुख तौर पर NSE और BSE स्टॉक एक्सचेंज है, कई Stock Exchanges बंद भी हो चुके है। चलिए फ़िलहाल के लिए इन दोनों प्रमुख स्टॉक एक्सचैंजेस के बारे में थोड़ा भारत के प्रमुख स्टॉक एक्स्चेंज जानते है।
NSE – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
NSE या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1992 में हुई थी, यह भारत के सबसे प्रचलित Stock Exchanges में से एक है। यह मुंबई में स्थित है। NSE भारत का प्रथम dematerialized इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज था। वर्तमान में NSE पर 2002 कम्पनीज लिस्टेड है, इसकी मार्केट कैप 3.4 Trillion डॉलर की है। NSE पर Equity, Derivatives, Debt आदि को Trade किया जा सकता है।
Location | Mumbai |
No. Of Listed Companies | 2002 |
Website | nseindia.com |
BSE – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
BSE – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1875 में हुई थी। इसकी स्थापना एक cotton व्यापारी “प्रेमचंद रॉयचंद” ने की थी। यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। इतना ही नहीं, यह एशिया का भी सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। BSE मुम्बई में स्थित है, तथा इसकी मार्केट कैप 276 लाख करोड़ रूपए है।
Location | Mumbai |
Listed Companies | 5,439 |
Website | bseindia.com |
Stock Exchange के कार्य
स्टॉक एक्सचेंज के बारे में तो आप समझ ही गए होंगे की Stock Exchange क्या होता है, आपको भारत के स्टॉक ऐक्सचैंजेस के बारे में थोड़ी बहुत जानकरी हो ही गयी होगी। चलिए अब देखते है की स्टॉक एक्सचेंज के क्या कार्य है और इसकी जरुरत क्यों है।
- विभिन्न Securities(debt, equity, derivative, and hybrid) को खरीदने और बेचने के लिए एक माध्यम प्रदान करता है।
- Share Market में हो रहे लेन-देन पर निगरानी रखता है।
- नये Buyers और Sellers को Stock Market से जोड़ता है, जिससे मार्केट में Liquidity बनी रहे।
- शेयर मार्केट में हो रही गैरक़ानूनी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाता है।
Stock Exchange कैसे काम करता है
अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए स्टॉक एक्सचेंज कई नियम और systems बनाता है। इन नियमों का पालन करके ही स्टॉक मार्केट बिना रुके अपना काम कर सकता है।
1.Stock Exchange के कार्य करने का समय
स्टॉक एक्सचेंज पर Trading या Shares को खरीदना और बेचना एक fixed समय में ही किया जा सकता है। यह समय सरकार द्वारा भारत के प्रमुख स्टॉक एक्स्चेंज निर्धारित किया जाता है।
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज 9:15 AM से 3:15 PM के बिच कार्य करता है। प्रत्येक सप्ताह में शनिवार और रविवार को स्टॉक मार्केट बंद रहता है।
2. लेन-देन का Settlement
Day Trading या Intra-day Trading को छोड़कर, Shares के लेन-देन का settlement T+2 समय के आधार पर किया जाता है। T का अर्थ है जिस दिन शेयर्स को खरीदा या बेचा गया है तथा T+2 का अर्थ है की शेयर्स खरीदने और बेचने के 2 दिन बाद settlement क्या जाता है।
3. Shares के क्रय और विक्रय पर निगरानी
स्टॉक एक्सचेंज शेयर्स के क्रय और विक्रय पर नजर बनाये रखता है, जैसे कोई Insider Trading तो नहीं कर रहा। इससे निवेशकों को नुकशान होने से बचाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति शेयर मार्केट में किसी कंपनी की non-public या अंदरूनी जानकारी के आधार पर ट्रेडिंग करता है तो उसे insider trading कहते है। इसी तरह की कई गतिविधियों पर स्टॉक एक्सचेंज नजर रखता है।
Conclusion: इस लेख में हमने स्टॉक एक्सचेंज के बारे में समझा और जाना की एक स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है। इस लेख से जुड़े प्रश्न आप हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है, हम जल्द से जल्द रिप्लाई करने की कोशिशकरेंगे।
दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज
हेल्लो दोस्तों आज मे आपके लिए एक स्टॉक एक्सचेंज के बारेंमे आर्टिकल लेकर आया हु जोकि ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज‘ के बारेंमे हैं वैसे यह स्टॉक एक्सचेंज केवल कुछ क्षेत्र तक ही सीमित हैं हालांकि यह स्टॉक एक्सचेंज भारत के अहम 23 स्टॉक एक्सचेंजों की सूचि में आता फिरतो हमें इसे जानना और समजना बनता हैं तो चलिए इस महत्वपूर्ण टोपिक को शुरू करते हैं
दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज की सामान्य बातें :-
‘Delhi Stock Exchange’ आज हम इस स्टॉक एक्सचेंज के बारेंमे जानने वाले है, ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ जिसे ‘डीएसई’ के शोर्ट नाम से भी जाना जाता है
हमने भारत के दो अहम स्टॉक एक्सचेंज ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ के बारेंमे अलग आर्टिकल में विस्तार से जाना और साथ ही हमारे देश में यही दो स्टॉक एक्सचेंजीस नहीं बल्कि SEBI की मान्यता प्राप्त भारत में कुल 23 स्टॉक एक्सचेंजीस शामिल है
मगर आज हम इस आर्टिकल (दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज) में उन मेसे एक ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ के बारेंमे जानेंगे, ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ नई दिल्ली, भारत में स्थित है और इसकी स्थापना 25 जून 1947 में हुई थी तब से इसने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को सुगम बनाकर अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
जिससे भारत के उत्तरी क्षेत्र में एक उचित उत्साहजनक इक्विटी पंथ का निर्माण हुआ है और साथ ही ‘डीएसई’ देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है
इनसे पहले दो संस्थाए हुआ करती थी ‘दिल्ली स्टॉक एंड शेयर ब्रोकर्स एशोसिएशन लिमिटेड’ और ‘दिल्ली शेयर एक्सचेंज लिमिटेड’ बाद में इन दोनों संस्थाओ को मर्ज करके भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों मेसे एक और पांचवें स्टॉक एक्सचेंज के रूप में ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ का गठन हुआ
यह उतर भारत में टर्मिनलों में कुल 50 से ज्यादा शहरों के साथ जुदा हुआ हैं, इस स्टॉक एक्सचेंज में लगभग 3000 से भी अधिक सूचीबद्ध कंपनीयों के स्टॉक लिस्टेड है, ‘Delhi Stock Exchange’ SEBI से पूर्णरूप से BSE से बाजार नियामक की अनुमति प्राप्त कर चूका हैं
दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज की DP सर्वीस
Delhi Stock Exchange (डीएसई) की डीमेटरियलाईजड़ ट्रेडिंग की बात करे तो ‘Delhi Stock Exchange’ की डीमेट शाखा को ‘नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड’ (NSDL) की संस्था के साथ कोलोब्रेसन किया गया है
‘Delhi Stock Exchange’ में ट्रेडिंग करने के बाद जो शेयर होते है उसे इन संस्था के द्वारा सुरक्षित Demat Account में रखा जाता है इसकी शुरुआत सितम्बर, 1998 को हुई थी हालाकी, शेयरों को भोतिक यानि डीमेट फॉर्म में रूपांतरित करने का विकल्प दो महीने बाद शुरु किया गया था
‘डीएसई’ का इरादा भारत में पूंजी बाजार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए अपने उत्पादक संसाधनों को चैनलाइज करने का है
चलिए अब ‘Delhi Stock Exchange’ (डीएसई) में किन – किन समयों में क्या – क्या बदलाव किये गए है उनकी टेबल लिस्ट देखते हैं
दिनांक (Date) | डीएसई की समय सरचना की जानकारी |
---|---|
जून, 1956 | Chopri, में लेनदेन की रिकॉर्डिंग |
दिसंबर, 1957 | एससीआरए (प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956) के तहत मान्यता |
मार्च, 1982 | SCRA के तहत स्थायी मान्यता |
फरवरी, 1987 | कम्प्यूटरीकृत व्यापार की शुरुआत |
फरवरी, 1988 | डीएसई सूचकांक का शुभारंभ |
मार्च, 1989 | निवेशक संरक्षण कोष का गठन |
अप्रैल, 1992 | डीएसई इंडेक्स 1,000 अंक के पार |
जून, 1996 | सहायक कंपनी यानी डीएसई फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (डीएफएसएल) का गठन |
अगस्त, 1997 | ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का शुभारंभ |
दिसंबर, 1997 | डीएसई हाउस का उद्घाटन |
जून, 2009 | जमा-आधारित ट्रेडिंग सदस्यता (डीटीएम) का शुभारंभ |
Delhi Stock Exchange (डीएसई) ने अपनी 1.25 अरब व्यापार गारंटी फंड की शुरुआत 27 जुलाई 1998 की थी, ‘Delhi Stock Exchange’ के सभी शेयरों के लेनदेन की गारंटी टीजीएफ स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से दी जाती है
यदि कोई सदस्य समझौता प्रतिबद्धता का सम्मान करने में विफल रहता है, तो टीजीएफ प्रतिबद्धता को पूरा करने और बिना किसी व्यवधान के सभी निपटान को पूरा करने का प्रयास करता है
निष्कर्ष :-
तो दोस्तों हमनें इस टोपिक में ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ की सामान्य बातोँ को जाना जिसमें भारत में मोजूद अहम 23 स्टॉक एक्सचेंजों में यह स्टॉक एक्सचेंज 5 वें नंबर पर आता हैं साथ ही इसकी डिपोजिटरी सर्वीस यानि डिमेट विभाग भारत की अहम संस्था NSDL के नेतृत्व में आती हैं जिनसे इनकी अहमियत और भी हाई हो जाती हैं तो फ़िलहाल इस आर्टिकल में इतनाही फिर मिलेंगे, धन्यवाद
भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन-कौन से हैं?
यदि आप भारत में स्थित एक भारत के प्रमुख स्टॉक एक्स्चेंज भारत के प्रमुख स्टॉक एक्स्चेंज व्यापारी हैं और निवेश करने के लिए और अधिक बाजारों की खोज करने के बारे में सोच रहे हैं , तो आप यहां सही ही आए हैं। बाजार में सीधे कूदने से पहले उसे जानना हमेशा स्मार्ट होता है। इस लेख में हम बहुत लोकप्रिय बीएसई या एनएसई के अलावा कुछ अन्य शेयर बाजारों पर चर्चा करेंगे।
भारतीय शेयर बाजार
भारत के संपूर्ण स्टॉक एक्सचेंज को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा नियंत्रित किया जाता है जिसे 1992 में एक स्वतंत्र प्राधिकरण के रूप में स्थापित किया गया था। सेबी के पास नियमों और विनियमों के उल्लंघन के मामले में जुर्माना और जुर्माना लगाने की शक्ति है। यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और भारत के स्टॉक एक्सचेंज में निवेशकों के हितों की रक्षा करता है। सेबी शेयर बाजार के बिचौलियों की शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा देता है।भारत जैसी बढ़ती अर्थव्यवस्था में , स्टॉक एक्सचेंज का भविष्य उज्ज्वल है और आने वाले वर्षों में लेनदेन की मात्रा में काफी वृद्धि होगी।
शेयर बाजार दो प्रकार के होते हैं , प्राथमिक और द्वितीयक बाजार।
प्राथमिक शेयर बाजार
कंपनियां अपने शेयर जारी करने और प्राथमिक बाजार में धन जुटाने के लिए खुद को पंजीकृत करती हैं। इस प्रक्रिया को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के रूप में भी जाना जाता है। प्राथमिक बाजार में प्रवेश करने का उद्देश्य धन जुटाना है और यदि कंपनी पहली बार अपने शेयर बेच रही है तो इसे आईपीओ कहा जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से , कंपनी एक सार्वजनिक इकाई बन जाती है।
द्वितीयक बाजार
द्वितीयक बाजार में , प्राथमिक बाजार में नई प्रतिभूतियों के बेचे जाने के बाद कंपनी के शेयरों का कारोबार होता है। इस तरह निवेशक अपने शेयर बेचकर बाहर निकल सकते हैं। द्वितीयक बाजार में होने वाले ये लेन-देन व्यापार कहलाते हैं। इसमें निवेशकों की एक-दूसरे से खरीदारी करने और सहमत मूल्य पर आपस में बेचने की गतिविधि शामिल है। एक दलाल एक मध्यस्थ है जो इन लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है।
भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज
स्टॉक एक्सचेंज एक बाजार के रूप में कार्य करता है जहां व्यापार के लिए स्टॉक , बॉन्ड और कमोडिटी जैसे वित्तीय उपकरण हैं। प्लेटफ़ॉर्म खरीदारों और विक्रेताओं को एक साथ आने और सेबी द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमों और उसके दिशानिर्देशों का पालन करते हुए वित्तीय साधनों का व्यापार करने के लिए प्रदान करता है। अधिकांश लोगों के विश्वास के विपरीत , सबसे अधिक सुना जाने वाला स्टॉक एक्सचेंज एनएसई और बीएसई भारत में एकमात्र स्टॉक एक्सचेंज नहीं हैं। हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये दोनों भारत में मुख्य रूप से दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं , वर्तमान में कुल मिलाकर भारत में कुल छह मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज हैं। इन्हें सेबी के दिशानिर्देशों के तहत विनियमित किया जाता है।
1 . बीएसई
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज। यह अपने बीएसई में शीर्ष स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है और एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। इसके तहत 5000 से अधिक कंपनियां सूचीबद्ध हैं जिनमें आप निवेश कर सकते हैं। सेंसेक्स बीएसई का संकेतक है , जो इसके तहत सूचीबद्ध शीर्ष 30 कंपनियों के आधार पर भारत में शेयर बाजार के प्रदर्शन को बताता है।
2. एनएसई
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा है। यह स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग सिस्टम की पेशकश करने वाला भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज था , और इसकी स्थापना 1992 में मुंबई में हुई थी। भारत का नेशनल स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड व्यापार बाजार के आदेशों के माध्यम से होता है जो व्यापारिक भारत के प्रमुख स्टॉक एक्स्चेंज मशीनों से मेल खाते हैं। बाजार निर्माता या विशेषज्ञ ट्रेडिंग प्रक्रिया में भाग नहीं लेते हैं। जब कोई निवेशक मार्केट ऑर्डर करता है , तो उसे एक अद्वितीय नंबर दिया जाता है , और ट्रेडिंग कंप्यूटर तुरंत एक लिमिट ऑर्डर से मेल खाता है , इस बीच विक्रेता और खरीदार गुमनाम रहते हैं।
3. कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड
कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज भारत के सबसे पुराने एक्सचेंजों में से एक है लेकिन वहां शेयरों की ट्रेडिंग बहुत कम होती है। जो कंपनियां वहां सूचीबद्ध हैं , वे पूरे देश का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रसिद्ध नहीं हैं , जबकि दूसरी तरफ एनएसई में पंजीकृत कंपनियां वे हैं जो बहुत लोकप्रिय हैं और हम उन कंपनियों के उत्पादों का दैनिक आधार पर उपयोग करते हैं।
4. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड
इंडिया लिमिटेड (एमसीएक्स) का एक मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज मुंबई (मुख्यालय) में स्थित एक स्वतंत्र कमोडिटी एक्सचेंज है जिसे 2003 में स्थापित किया गया था। एमसीएक्स के किसी भी अन्य बाजार की तरह नियमों और विनियमों का अपना सेट है लेकिन यह स्पष्ट रूप से शेयर बाजार नहीं है। यहां माल के रूप का कारोबार होता है
5. मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड
मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एमएसई) , भारत का सबसे छोटा और देश के प्रतिभूति बाजार नियामक - भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा मान्यता प्राप्त तीन स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है। यह कैपिटल मार्केट , फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस , करेंसी डेरिवेटिव्स , इंटरेस्ट रेट फ्यूचर्स ( IRF) और डेट मार्केट सेगमेंट में ट्रेडिंग के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। MSEI के वर्तमान शेयरधारकों में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक , निजी क्षेत्र के बैंक , निवेशक और घरेलू वित्तीय संस्थान शामिल हैं।
6. नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड
एनसीडीईएक्स एक राष्ट्रीय स्तर का ऑनलाइन कमोडिटी एक्सचेंज है जो विभिन्न वस्तुओं जैसे धातु , ऊर्जा , कृषि उत्पादों और अन्य में व्यापार की पेशकश करता है। यह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित है और व्यापार के लिए एक सुरक्षित और सुरक्षित मंच प्रदान करता है।
निष्कर्ष
निवेशक शेयर बाजार की अस्थिरता को दूर नहीं कर सकते। भारतीय शेयरों की ट्रेडिंग उसी गति से होती है , चाहे बाजार का ज्वार कुछ भी हो। भारत में उपलब्ध विभिन्न विकल्पों को समझने से न केवल अधिक जीतने का अवसर बढ़ेगा , बल्कि पोर्टफोलियो विविधता में भी , आकर्षक शेयरों को फिर से चुनना इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पास भारत में स्टॉक के बाजार के बारे में ज्ञान है और आप कितने अपडेट हैं। आप अपने बेल्ट के तहत सही रणनीतियों और सहायता प्रदान करने के लिए एक उत्कृष्ट ब्रोकरेज के साथ शेयर बाजारों में सफलतापूर्वक निवेश कर सकते हैं।
कृपया ध्यान दें कि निवेश के किसी भी रूप में जोखिम शामिल है, आप व्यापार में शामिल जोखिमों के बारे में अधिक जानने के लिए Mirade जोखिम प्रकटीकरण विवरण पर क्लिक कर सकते हैं। *Mitrade पर प्रचार नियम और शर्तों के अधीन हैं।
इस लेख की सामग्री केवल लेखक की व्यक्तिगत राय है और इसका मतलब निवेश सलाह नहीं है। इस लेख की सामग्री केवल संदर्भ के लिए है और पाठकों को इस लेख को किसी भी निवेश के आधार के रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए। निवेशकों को इस जानकारी का उपयोग स्वतंत्र निर्णय के विकल्प के रूप में या पूरी तरह भारत के प्रमुख स्टॉक एक्स्चेंज से इस जानकारी के आधार पर निर्णय लेने के लिए नहीं करना चाहिए। यह किसी भी व्यापारिक गतिविधि का गठन नहीं करता है और व्यापार में किसी भी लाभ की गारंटी भी नहीं देता है। इस लेख पर आधारित किसी भी परिणाम के लिए Mitrade जिम्मेदार नहीं होंगे। मिट्रेड भी इस लेख में सामग्री की 100% सटीकता की गारंटी नहीं दे सकता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 289