- स्नो वैली रिसॉर्ट्स शिमला – एक आदर्श छुट्टी के लिए एक संपूर्ण गाइड
- आपके लिए हॉल होम टाइल्स डिजाइन विचार
- घर सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची में किस तरह की सीढ़ियां बनवाएं
- अनंतिम प्रमाण पत्र: सूचना, उद्देश्य और प्रकार
- पीएम स्कॉलरशिप: जानें लाभ और आवेदन प्रक्रिया
- विंडो ग्लास डिज़ाइन आपको दुनिया को स्टाइल में देखने में मदद करने के लिए
मीडिया दलाल है तो क्यों?
मीडिया दलाल है… मीडिया बिका हुआ है… आज इस तरह के आरोपों से मीडिया चौतरफा घिरा हुआ है। अब तो खबरिया चैनलों के एंकर भी बहस के दौरान इस बात का उलाहना देने लगे हैं कि “आप की निगाह में हम तो दलाल हैं ही”। ऐसा नहीं कि मीडिया (अखबारों) पर पहले कभी आरोप नहीं लगे। खबरों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का ठीकरा आज भी मीडिया पर फोड़ा जाता है और मीडिया झेलता रहा है। आज अतीत का रोना रोने का समय नहीं है। मीडिया के दलाल होने के आरोप पर तो किसी निष्कर्ष पर पहुंच पाना और फरमान सुना देना संभव नहीं है फिर भी इस पर मंथन जरूरी है कि समाज के हर कोने से दलाल होने के आरोप लग रहे हैं तो क्यों?
ये मीडिया को ‘विलेन बनाने’ का दौर है
Dilnawaz Pasha : ये मीडिया को ‘विलेन बनाने’ का दौर है. भारत में ‘प्रेस्टीट्यूट’ शब्द को स्वीकार कर लिया गया है और एक धड़ा जमकर इसका इस्तेमाल कर रहा है. सरकार ने मंत्रालयों में पत्रकारों की पहुंच कम कर दी है. यहां तक कि प्रधानमंत्री अपनी यात्राओं में पत्रकारों को साथ नहीं ले जा रहे हैं, जैसा कि पहले होता था.
खबर को लेकर मेरी दो बार मुठभेड़ मुख्तार अंसारी से हो चुकी है
हम अपराधियों की हरकतों के खिलाफ युद्ध करें, उनके धंधे में भागीदारी क्यों
लखनऊ : यह कोई 13 साल पहले का हादसा है। मैं जौनपुर में हिन्दुस्तान अखबार का ब्यूरो प्रमुख था। खबर को लेकर दो बार मेरी मुठभेड़ मुख्तार अंसारी से हो गयी। एक बार एक ट्रैक्टर व्यवसायी आईबी सिंह के घर और दूसरी बार मोहम्मद हसन कालेज के प्रिंसिपल के यहां। तब मुख्तार अंसारी समाजवादी पार्टी के चहेते हुए करते थे। दोनों ही बार आयोजकों ने मुख्तार से मेरा परिचय कराया और मैंने सवाल पूछने शुरू किये।
हेमन्त तिवारी जैसों को नहीं पहचाना तो फिर अगला नम्बर आपका होगा
न खुद दलाली कीजिए और न दलालों को अपने आसपास फटकने दीजिए
लखनऊ : चाहे वह सीवान का काण्ड हो या फिर चतरा का, पत्रकारों की मौत के असल कारणों का खुलासा तो बाद में ही हो पायेगा, लेकिन अब तक इतिहास बताता है कि ऐसे मामलों में उन लोगों की खास भूमिका रहती है, जो खुद को पत्रकार कहलाते हैं और असल पत्रकार जाने-अनजाने उनके पाले में पहुंच कर अपनी बरबादी का सामान जुटा लेता है। कम से कम, चालीस साल का जिन्दा इतिहास तो मुझे खूब याद है, जिसमें किसी पत्रकार की मौत के कारणों में से एक रहे हैं जो ऐसे पत्रकारों के करीबी बन कर असल वारदात को अंजाम दिला देते हैं।
छह माह पहले स्टिंग कर चुके अशोक पांडेय सौदेबाजी करने के लिए सीडी दबाए बैठे रहे?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात आईएएस मोहम्मद शाहिद का खुफिया कैमरों से स्टिंग आपरेशन कर सुर्खियां में आए अशोक पांडेय भी सवालों को घेरे में हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जिस तरह इस सीडी के सामने आने के बाद जांच कराने से ही बचने की कोशिश की, वह उनको तो कठघरे में खड़ा करता ही है, लेकिन भाजपाई और मीडिया का एक हिस्सा पांडेय के निर्माणाधीन भवन को गिराने को लेकर जिस तरह हायतौबा मचा रहा है, वह इस पूरे प्रकरण से खड़े सवालों को नेपथ्य में धकेल रहा है। पहली बात तो यह कि इस सीडी के सामने आने से मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठे नौकरशाह किस तहर दलाली का खेल खेल रहे हैं, सबके सामने आ गया। दूसरे सवालों को थोड़ी देर के लिए किनारे रख दें तो इस सीडी का यह एक उजला पक्ष है। लेकिन इस उजले पक्ष के पीछे जो भी अंधेरा सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची है उस पर भी रोशनी डाली जानी चाहिए।
किसान मर रहे हैं, मोदी सपने दिखाते जा रहे हैं, मीडिया के पास सत्ता की दलाली से फुर्सत नहीं
Deepak Singh : प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री बनने के बाद कौन सुध लेता हैं किसानों की? महाराष्ट्र में और केंद्र में दोनों जगह भाजपा सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची की सरकार पर हालत जस के तस। यह हाल तब हैं जब नरेंद्र मोदी को किसानों का मसीहा बता कर प्रचार किया गया। आखिर सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची क्यों नई सरकार जो दावा कर रही हैं की दुनिया में देश का डंका बज रहा हैं पर उस डंके की गूंज गाँव में बैठे और कर्ज के तले दबे गरीब और हताश किसान तक नहीं पहुँच पाई? क्यों यह किसान आत्महत्या करने से पहले अपनी राज्य सरकार सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची और केंद्र सरकार पर भरोसा नहीं कर पाया की सरकार आगे आएगी और कुछ मदद करेगी?
वरिष्ठ पत्रकार अभय दुबे ने जी न्यूज और इसके एंकर रोहित सरदाना को लाइव ही धो डाला
जी न्यूज, इंडिया टीवी और इंडिया न्यूज जैसे न्यूज चैनलों की भाजपा परस्ती और मोदी सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची स्तुति किसी से छिपी नहीं है. इसी कारण इन तीनों न्यूज चैनलों का आम आदमी पार्टी के प्रति भयंकर घृणा भी जग जाहिर है. ये तीनों न्यूज चैनल समय-समय पर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए फर्जी स्टिंग से लेकर फर्जी न्यूज एंगल और फर्जी प्रोग्राम तक बनाने पेश करने से नहीं चूकते. इसी क्रम में जी न्यूज ने अभी बीते कुछ दिनों पहले केजरीवाल को निशाने पर सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची लिया. चूंकि अब दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक है इसलिए सारे भाजपा पोषित न्यूज चैनल केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने में जुट गए हैं.
कुछ मीडिया घराने बीजेपी के दलाल बन गए हैं : ममता बनर्जी
दुर्गापुर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ बेबुनियाद खबरें दिखाने को लेकर मीडिया पर हमला किया। एक रैली में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष बनर्जी ने कहा कि जिस तरह खाने की सामग्री बेची जाती है, उसी तरह मेरी सरकार के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण गलत खबरें बेचना एक नया व्यापार बन गया है।
भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में पहले नंबर पर मुकेश अंबानी बरकार, जानिए किसके पास कितनी है दौलत
IIFL Wealth Hurun ने भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट जारी कर दी है।
IIFL Wealth Hurun India Rich List जारी कर दी गई है। पिछले साल की तरह ही इस साल भी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) टॉप पर बरकरार है। भारत में 1,000 करोड़ रुपये की कुल सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची संपत्ति के साथ एक हजार से अधिक व्यक्ति शामिल हैं। हुरुन इंडिया ने कहा कि 119 शहरों में 1,007 व्यक्तियों की कुल संपत्ति 1,000 करोड़ रुपये है। रिपोर्ट में कहा गया है कि संचयी संपत्ति में 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि औसत संपत्ति में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इस लिस्ट में मुकेश अंबानी पहले पायदान पर काबिज है। इस साल भी वह भारत के साथ एशिया के सबसे अमीर आदमी बन गए हैं। वहीं अडानी ग्रुप के गौतम अडानी दूसरे नंबर पर हैं।
टॉप 10 सबसे अमीर भारतीयों(Top 10 Richest Indians) पर एक नज़र
1. मुकेश अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) इस लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर बने हुए हैं।
पिछले 10 साल से इस लिस्ट में कायम हैं। अंबानी और उनके परिवार के पास 7,18,000 करोड़ रुपये की दौलत है। मुकेश अंबानी भारत के ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे बड़े अमीर आदमी हैं।
2. गौतम अडानी
लिस्ट में इस साल दूसरे नंबर पर अडानी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) ने जगह बनाई है। अडानी और उनके परिवार के पास 5,05,900 करोड़ रुपये की संपत्ति है।इसके साथ ही अडानी एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी बन गए हैं।
3.शिव नादर
एचसीएल (HCL) के शिव नादर इस लिस्ट में 2,36,600 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीसरे स्थान पर हैं। पिछले साल के मुकाबले उनकी नेटवर्थ में 67 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। शिव नाडर IT इंडस्ट्री का जाना माना नाम है। इन्होंने देश का पहला स्टार्टअप कहे जाने वाली कंपनी HCL GROUP को खड़े किया था।
4. एस पी हिंदुजा
हिंदुजा ग्रुप के एसपी हिंदुजा और उनकी फैमिली के पास 2,20,000 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इस साल वह इस लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं। पिछले साल के मुकाबले उनकी रैंकिंग 2 पायदान नीचे गिर गई है।
5.लक्ष्मी मित्तल
आर्सेलरमित्तल (ArcelorMittal) के लक्ष्मी मित्तल (LN Mittal) 1,74,400 करोड़ रुपये के साथ पांचवें स्थान पर हैं। लंदन के कारोबारी लक्ष्मी मित्तल सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची और उनकी परिवार की संपत्ति में पिछले 1 साल में 187 फ़ीसदी का इजाफा हुआ है। आपको बता दें कि वह पहली बार इस सूची में टॉप 10 पर पहुंचे हैं।
6.साइरस पूनावाला
लिस्ट में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) पुणे के साइरस पूनावाला और उनका परिवार छठे नंबर पर है। वह पिछले साल भी छठे नंबर पर थे। उनके पास 1,63,700 करोड़ रुपये की संपत्ति है। ये कंपनी कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) निर्माता कंपनी है।
7.राधाकिशन दमानी
डीमार्ट की कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स (Avenue Supermar) के फाउंडर और दिग्गज निवेशक राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani)इ स लिस्ट में सातवें नंबर पर हैं। दमानी और उनके परिवार की संपत्ति 1,54,300 करोड़ रुपये है।
8.विनोद शांतिलाल अडानी
कारोबारी गौतम अडानी के भाई विनोद शांतिलाल अडानी इस लिस्ट में आठवें नंबर पर है। ऐसा पहली बार हुआ है जब एक ही साल में दो भाई इस लिस्ट में टॉप-10 में मौजूद हो। दुबई में रहने वाले विनोद शांतिलाल अडानी और फैमिली की संपत्ति 1,31,600 करोड़ रुपये है।
9.कुमारमंगलम बिड़ला
आदित्य बिड़ला ग्रुप (Aditya Birla Group) के चेयरमैन कुमारमंगलम बिड़ला (Kumar Manglam Birla) इस लिस्ट में पहुंच गए हैं। उन्होंने 13 पायदान ऊपर उठकर अपनी जगह बना ली है। बिड़ला और उनके परिवार के पास 1,22,200 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
10.जय चौधरी
Zscaler के जय चौधरी (Jay Chaudhry) इस लिस्ट में 10वें नंबर पर हैं। चौधरी और उनके परिवार के पास 1,21,600 करोड़ रुपये है। जय चौधरी पहली बार इस लिस्ट में टॉप-10 पर पहुंचे हैं।
एक धीमी गति से बाजार में एक अपार्टमेंट कैसे बेचते हैं
हालांकि अपने अपार्टमेंट को बेचने की सलाह नहीं दी जाती है, जब रियल एस्टेट बाजार मंदी का सामना कर रहा है, कभी-कभी, यह अपरिहार्य हो सकता है हो सकता है कि आपको किसी अन्य शहर में स्थानांतरित किया गया हो, या फिर बड़े या छोटे अपार्टमेंट की आवश्यकता हो। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको सबसे अच्छा सौदा पाने में मदद करेंगे।
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विषैले पदार्थो की दुनिया की सबसे विशाल सूची तैयार
पेरिस| यूरोप में विषैले पदार्थो की सबसे विशाल सूची तैयार करने वाली योजना ‘वेनोमिक्स’ पूरी हो चुकी है। 203 विषैले जीव-जंतुओं का विश्लेषण करने के बाद तैयार की गई यह सूची नई दवाइयों के विकास में बेहद अहम साबित होगी। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, इस परियोजना के प्रमुख ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन दवाओं पर काम चल रहा है उनमें हृदयरोग, मोटापा और मधुमेह से जुड़ी दवाइयां प्रमुख हैं।
यूरोपीय आयोग द्वारा वित्तपोषित इस परियोजना को कई कंपनियों के समूह और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्रों द्वारा तैयार किया गया था और इस परियोजना का उद्देश्य अति उत्पादक ओमिक्स टेक्नोलॉजी के जरिए नई-नई दवाइयों के विकास में तेजी लाना है।
परियोजना से संबद्ध कंपनियों में स्पेन की सिस्टेमास जीनोमिक्स ने सूची तैयार करने में अहम भूमिका निभाई।
यह सूची तैयार करने के लिए विभिन्न प्रजाति के विषैले जीवों से जहर निकाला गया और उनकी संभावित उपयोगिता का विश्लेषण किया गया।
इस सूची को तैयार करने के लिए 2012 से 2013 के बीच फ्रेंच गयाना, मायोट्टे और पोलीनेसिया जैसी जगहों से जिन जीवों के विषों का विश्लेषण किया गया उनमें, सांप, विषैली मकड़ी, ततैया, समुद्री पादप जंतुओं और बेहद विषैला ब्लू ऑक्टोपस शामिल हैं।
स्पेनिश कंपनी की परियोजना निदेशक रेबेका मिनाम्ब्रेस ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, “इसके लिए विश्लेषण का कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि बेहद सूक्ष्म जंतुओं से विष प्राप्त करना बेहद कठिन होता है। हमने बिल्कुल नवीन प्रौद्योगिकी के हिसाब से विश्लेषण की नवीन सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची प्रणाली अपनाई।”
उन्होंने कहा, “इस सूची को तैयार करने की सबसे बड़ी उपलब्धता यह रही कि ओमिक्स टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से इस बेहद जटिल कार्य को सरल बनाया जा सका और समय की भी बचत हुई। अगर पारंपरिक विधि अपनाते तो इस कार्य में हमें वर्षो लग जाते।”
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