iPhone 14 की कीमत पर बड़ा खुलासा; इतने रूपए में भारत में होगा लॉन्च!
रिपोर्ट के अनुसार iPhone 14 सीरीज की कीमत को लगभग iPhone 13 के बराबर ही रखा जा सकता है. यानि भारत में पिछले साल लांच हुए iPhone 13 के दाम में ही मिलेगा iPhone 14.
Apple iPhone 14 की कीमत को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार iPhone क्या मुझे बोली पर खरीदना चाहिए या मूल्य पूछना चाहिए? 14 सीरीज की कीमत को लगभग iPhone 13 के बराबर ही रखा जा सकता है. यानि iPhone 14 की कीमत लगभग 80,000 रुपये हो सकती है. साथ ही उम्मीद ये भी की जा रही है कि इस बार की मिनी एडिशन लॉन्च नहीं किया जाएगा. इसके बदले Apple एक नया मैक्स वैरिएंट पेश करेगा, जिसे बेस और iPhone 14 प्रो मॉडल के बीच रखा जा सकता है.
ब्लॉग से हुआ खुलासा
कोरियाई ब्लॉग Naver पर उपयोगकर्ता "yeux1122" के एक पोस्ट क्या मुझे बोली पर खरीदना चाहिए या मूल्य पूछना चाहिए? के अनुसार, इन्फ्लेशन और सप्लाई इशू के बावजूद Apple अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दाम को नहीं बढ़ाने की योजना कर रहा है. पोस्ट में दावा किया गया है कि वैश्विक स्मार्टफोन बाजार में ठहराव और मांग में गिरावट के कारण Apple के "शीर्ष अधिकारियों" द्वारा यह निर्णय लिया गया है.
iPhone 14 की कीमत (संभावित)
बता दें iPhone 14 की यूएस में कीमत $799 हो सकती है, जो भारत में लगभग 63,200 रुपये के बराबर है. लेकिन, क्या मुझे बोली पर खरीदना चाहिए या मूल्य पूछना चाहिए? भारत में डिवाइस की कीमत इतनी कम होने की संभावना नहीं है क्योंकि जीएसटी और आयात शुल्क, लगने के बाद यह कीमत बढ़ जाती है. अगर पिछली बार से तुलना करें तो iPhone 13 को 79,990 रुपये में लॉन्च किया गया था और iPhone 14 भी इसी कीमत पर लॉन्च किया जा सकता है.
गौरतलब है कि Apple ने अभी तक iPhone 14 श्रृंखला की आधिकारिक कीमत और अन्य विवरणों का खुलासा नहीं किया है. कंपनी हर साल सितम्बर या अक्टूबर में अपनी नई सीरीज को पेश करती है.
iPhone 14 सीरीज स्पेक्स (लीक्ड)
iPhone 14 के स्पेक्स की बात करें तो लीक हुई जानकारी के मुताबिक iPhone 14 और iPhone 14 Max को पिछले साल के A15 चिपसेट के साथ पेश किया जा सकता है, जबकि प्रो मॉडल्स में नया A16 SoC चिपसेट देखने को मिल सकता है. गैर-प्रो मॉडल को ड्यूल रियर कैमरा सेटअप के साथ लाया जा सकता है वहीं iPhone 14 प्रो और iPhone 14 प्रो मैक्स में नए 48-मेगापिक्सल ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप दिया जा सकता है.
LIC IPO: इस तारीख तक आ सकता है LIC का आईपीओ, जाने ग्राहकों को भी होगा कोई फायदा ?
LIC IPO: भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ समय से प्रारंभिक सार्वजनिक ऑफरिंग या इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की बाढ़ सी आ गई है। निवेशकों को लंबे समय से भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के मेगा आईपीओ का इंतजार था। देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी, एलआईसी ने रविवार को सेबी (SEBI) के पास आईपीओ के लिए मसौदा दस्तावेज दाखिल कर दिया है। अब सेबी की मंजूरी के बाद जल्द ही कंपनी का आईपीओ आने की उम्मीद है।
निवेशकों के पास अच्छा मौका
सभी को इस आईपीओ का इतना बेसब्री से इंतजार है। आईपीओ खरीदने से पहले इच्छुक निवेशकों को कुछ बातें जान लेनी चाहिए। एक कंपनी जब अपने शेयर को पहली बार जनता के लिए जारी करती है, तो उसे आईपीओ कहा जाता है। एक कंपनी के आईपीओ शुरू करने के दो मुख्य कारण होते हैं- पूंजी जुटाना और पूर्व निवेशकों को समृद्ध करना।
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपने के आईपीओ के तहत 31.6 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी, जो पांच फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। निवेशक इन शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं। आईपीओ भारत सरकार द्वारा ऑफर फॉर सेल पेशकश (OFS) के रूप में है। इस आईपीओ के मार्च में पूंजी बाजार में आने की उम्मीद है।
सरकार के लिए एलआईसी के आईपीओ का क्या अर्थ है?
एलआईसी के मेगा आईपीओ के जरिए सरकार एलआईसी की पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। मौजूदा समय में सरकार के पास एलआईसी की 100 फीसदी हिस्सेदारी है। मालूम हो कि चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार के विनिवेश (Disinvestment) लक्ष्य में 78,000 करोड़ रुपये की कमी रह सकती है। ऐसे में सरकार के लिए एलआईसी का आईपीओ अहम है। अब तक केंद्र सरकार एयर इंडिया के निजीकरण और बाकी सरकारी उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बिक्री से करीब 12,000 करोड़ रुपये जुटा चुकी है।
कंपनी के लिए आईपीओ के क्या हैं मायने?
आईपीओ से कंपनियां अपनी आने वाली योजनाओं या विस्तार के लिए फंड जुटाती हैं। मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय फर्म मिलिमन एडवाइजर्स ने 30 सितंबर 2021 तक एलआईसी का एम्बेडेड मूल्य लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपये आंका है। 31 मार्च 2021 तक एलआईसी के पास 28.3 करोड़ पॉलिसियों और 13.5 लाख एजेंट्स के साथ नए प्रीमियम व्यापार में 66 फीसदी बाजार हिस्सेदारी थी।
ग्राहकों के लिए क्या
फिलहाल सरकार ने पॉलिसीधारकों या एलआईसी कर्मचारियों को दी जाने वाली छूट का खुलासा नहीं किया है।आईपीओ का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित होगा। वहीं एलआईसी के पॉलिसीधारकों के लिए आईपीओ निर्गम का 10 फीसदी तक आरक्षित होगा। सरकार यह आईपीओ 31 मार्च 2022 तक ला सकती है।
एलन मस्क का बड़ा ऐलान, Twitter की CEO पोस्ट को बोलेंगे Bye!
टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने आज बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि वो ट्विटर (Twitter CEO) के सीईओ की कुर्सी आने वाले समय में छोड़ देंगे। इसकी जानकारी उन्होंने ट्विट करके दी है।
टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने आज बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि वो Twitter के CEO की कुर्सी आने वाले समय में छोड़ देंगे। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति की तरफ से ट्वीट में कहा गया है कि जब उन्हें अपना रिप्लेसमेंट मिल जाएगा तो वो अपना पोस्ट छोड़ देंगे। बता दें, एक दिन पहले ही मस्क ने ट्विटर पोल के जरिए लोगों से पूछा था कि क्या उन्हें ट्विटर के सीईओ का पद छोड़ देना चाहिए। जिसमें अधिकतर लोगों ने हां में जवाब दिया था।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “मैं सीईओ के पद तब छोड़ दूंगा जब मुझे कोई मूर्ख व्यक्ति इस काम के लिए मिल जाएगा! इसके बाद मैं सिर्फ सर्वर और सॉफ्टवेयर टीम ही संभालूंगा”
एलन मस्क ने अपने ऑफिशियर ट्विटर हैंडल से लोगों की राय मांगी थी क्या उन्हें ट्विटर के सीईओ का पोस्ट छोड़ देना चाहिए। इस पर 50 प्रतिशत से अधिक यूजर्स ने ‘हां’ मेंं जवाब दिया था। इसी के बाद से कयास लगाए जा रहे है थे कि मस्क ट्विटर के सीईओ पोस्ट को छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं।
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इसी साल अक्टूबर में मस्क बने थे ट्विटर के मालिक
इस साल अप्रैल में एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया था। लेकिन बाद वो में पीछे हटते हुए भी दिखाई दिए थे। आखिरकार मस्क ने ट्विटर को इसी साल अक्टूबर 2022 में 44 अरब डॉलर में खरीद लिया था।
ट्विटर के लिए इंवेस्टर्स की तलाश में जुटे मस्क
पिछले दिनों खबर आई थी कि एलन मस्क को ट्विटर के लिए नए इंवेस्टर्स की भी तलाश है। कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि एलन मस्क के फैमिली ऑफिस के मैनजिंग डायरेक्टर नए इक्विटी इंवेस्टर्स को खोज रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार मस्क के मनी मैनेजर जारेड बिर्चेल ने हाल ही में कुछ निवेशकों से सम्पर्क भी साधा है।
केंद्र सरकार ने भारत पेट्रोलियम में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां मंगाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में विनिवेश आय से 2.1 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा था, जिसको पूरा करने के लिए देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनर भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड का निजीकरण आवश्यक है. The post केंद्र सरकार ने भारत पेट्रोलियम में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां मंगाई appeared first on The Wire - Hindi.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में विनिवेश आय से 2.1 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा था, जिसको पूरा करने के लिए देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनर भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड का निजीकरण आवश्यक है.
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े निजीकरण अभियान के तहत केंद्र सरकार ने शनिवार को भारत की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनर भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए बोलियां आमंत्रित कीं.
निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने बोली दस्तावेज में कहा कि बीपीसीएल की रणनीतिक बिक्री के लिए दो मई को रूचि पत्र जारी किया था.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में पेट्रोलियम विपणन एवं रिफाइनिंग कंपनी बीपीसीएल की रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दे दी थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में विनिवेश आय से 2.1 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा था जिसको पूरा करने के लिए बीपीसीएल का निजीकरण आवश्यक है.
बोली दस्तावेज में कहा गया, ‘भारत सरकार बीपीसीएल में अपने 114.91 करोड़ इक्विटी शेयर यानि बीपीसीएल की इक्विटी शेयर पूंजी में क्या मुझे बोली पर खरीदना चाहिए या मूल्य पूछना चाहिए? से कुल 52.98 प्रतिशत साझेदारी के रणनीतिक विनिवेश के साथ ही प्रंबधन नियंत्रण को रणनीतिक खरीदार का प्रस्ताव दे रही है.’
सरकार ने रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया के प्रबंधन और इस विषय पर सलाह देने के लिए डेलोइट टोशे टोमात्सु इंडिया एलएलपी को अपने सलाहकार के रूप में अनुबंधित किया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, प्रस्तावित दस्तावेज में कहा गया है कि निजीकरण में भागीदारी के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां (पीएसयू) योग्य नहीं हैं.
इसमें कहा गया है कि 10 बिलियन अमरीकी डालर की कुल मूल्य वाली कोई भी कंपनी बोली लगाने के लिए पात्र है और चार से अधिक फर्मों के कंसोर्टियम को बोली लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
बीपीसीएल खरीदारों को भारत की तेल शोधन क्षमता के 14 प्रतिशत और दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते ऊर्जा बाजार में लगभग एक-चौथाई ईंधन बाजार तक पहुंच प्रदान करेगा.
बीपीसीएल का बाजार पूंजीकरण लगभग 87,388 करोड़ रुपये है और मौजूदा कीमतों पर सरकार की हिस्सेदारी लगभग 46,000 करोड़ रुपये है. सफल बोलीदाता को अन्य शेयरधारकों को समान मूल्य पर अन्य 26 प्रतिशत प्राप्त करने के लिए एक खुली पेशकश भी करनी होगी.
बीपीसीएल मुंबई (महाराष्ट्र), कोच्चि (केरल), बीना (मध्य प्रदेश) और नुमालीगढ़ (असम) में 38.3 मिलियन टन प्रतिवर्ष की संयुक्त क्षमता के साथ चार रिफाइनरियों का संचालन करती है, जो भारत की कुल शोधन क्षमता का 249.4 मिलियन टन का 15 प्रतिशत है.
बता दें कि, नवंबर 2019 में उस समय बीपीसीएल के प्रस्तावित विनिवेश पर कांग्रेस के हीबी इडन ने लोकसभा में इस तरह के फैसले को देशहित के लिए नुकसानदेह बताते हुए सरकार से इस पर पुनर्विचार की मांग की थी.
वहीं सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों के कर्मचारी संगठनों ने बीपीसीएल के रणनीतिक विनिवेश का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि इस विनिवेश से सरकार को एक बारगी राजस्व की प्राप्ति तो हो सकती है लेकिन इसका दीर्घकाल में बड़ा नुकसान होगा.
इससे पहले भी अधिकारियों ने कहा था कि कंपनी को कौड़ियों के दाम में बेचा जा रहा है और केंद्र सरकार द्वारा इसका निजीकरण देश के लिए आत्मघाती साबित होगा.
ज्ञात हो कि बीपीसीएल को क्या मुझे बोली पर खरीदना चाहिए या मूल्य पूछना चाहिए? निजी या विदेशी कंपनियों को बेचने के लिए सरकार को संसद की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि सरकार ने बीपीसीएल के राष्ट्रीकरण संबंधी कानून को क्या मुझे बोली पर खरीदना चाहिए या मूल्य पूछना चाहिए? 2016 में रद्द कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर, 2003 में व्यवस्था दी थी कि बीपीसीएल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) का निजीकरण संसद द्वारा कानून के संशोधन के जरिये ही किया जा सकता है. संसद में पूर्व में कानून पारित कर इन दोनों कंपनियों का राष्ट्रीयकरण किया गया था.
अधिकारियों के अनुसार अब सुप्रीम कोर्ट की इस शर्त को पूरा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि राष्ट्रपति ने निरसन एवं संशोधन कानून, 2016 को मंजूरी दे दी है और इस बारे में अधिसूचना जारी की जा चुकी है.
अक्टूबर में प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक जापानी स्टॉकब्रोकर नोमुरा रिसर्च की मानें तो बीपीसीएल में सरकार की 53.3 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) बोली लगा सकते हैं.
निवेशकों को भेजे गए नोट में नोमुरा ने कहा था कि उन्हें लगता है कि सरकार का यह कदम केवल औपचारिकता पूरी करने की कवायद भर है. नोमुरा ने कहा कि रिलायंस रिफाइनिंग या केमिकल में भले ही अपनी हिस्से कम करना चाहती हो लेकिन वह बीपीसीएल में अपनी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगा सकती है.
नोमुरा के नोट के अनुसार, बीपीसीएल की हिस्सेदारी खरीदने के बाद रिलायंस को 25 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल हो जाएगी. इसमें 3.4 करोड़ टन की अतिरिक्त रिफाइनिंग क्षमता के साथ उसे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पर अधिकार भी मिल जाएगा. इसके साथ ही कंपनी के करीब 15 हजार पेट्रोल पंपों के साथ ही रिलायंस को अपना कारोबार बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी.
दुनिया: चीन में कोविड की लहर के बीच दवाओं की कमी और चीन और रूस की नौसेनाएं कर रहीं संयुक्त सैन्य अभ्यास
भारत के पड़ोसी देश चीन इन दिनों कोरोना वायरस की लहर का सामना कर रहा है। जिस कारण देश में दवा की कमी हो गई है। चीन और रूस की नौसेनाएं दिसंबर 21से चीन के चच्यांग प्रांत के चो शान से थाईचो तक पूर्वी समुद्र पर संयुक्त सैन्याभ्यास कर रही हैं।
चीन में कोविड की लहर के बीच व्यापक दवाओं की कमी
भारत के पड़ोसी देश चीन इन दिनों कोरोना वायरस की लहर का सामना कर रहा है। जिस कारण देश में दवा की कमी हो गई है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लोग फ्लू जैसे लक्षणों को कम करने के लिए बुखार और दर्दनाशक दवाएं खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, हांगकांग, मकाओ, ताइवान और यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों से आयात की गई दवाओं की कमी इस समय चीनी सरकार के सामने प्रमुख चिंता का कारण बनी हुई है। यहां के लोकल दवा विक्रेताओं के पास दवाओं की पूरी आपूर्ति नहीं पहुंच पा रही है, जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लोग कोरोना वायरस से लड़ने के लिए घरेलू उपचार के तरीकों की भी तलाश कर रहे हैं। स्थिति संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में बच्चों के दर्द निवारक दवाओं की कमी को भी दशार्ती है। सीएनएन के मुताबिक, अधिकारियों द्वारा लोगों से कोल्ड मेडिसिन की जमाखोरी नहीं करने की अपील भी की गई है।
सिंगापुर में तार, केबल चोरी करने के आरोप में भारतीय मूल के व्यक्ति को जेल
सिंगापुर में भारतीय मूल के एक व्यक्ति को दो बांग्लादेशी नागरिकों के साथ मिलकर इमारतों में घुसने और तांबे के तार और बिजली के तार चुराने की साजिश रचने के आरोप में 42 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। चैनल न्यूज एशिया ने बताया कि ओम शक्ति तिवारी ने मिया शोबस और जन शक मोहब्बत के साथ 2020 में खाली जूनियर कॉलेजों में सेंध लगाई, जहां से उन्होंने रीसाइक्लिंग दुकान पर बेचने के लिए तार और बिजली के केबल चुराए।
अदालत को बताया गया कि जनवरी 2020 में तिवारी ने दोनों आरोपियों को अपनी वैन से रात में खाली पड़े जुरोंग जूनियर कॉलेज (जेजेसी) तक पहुंचाया। तिवारी गाड़ी पर इंतजार कर रहे थे, तब मिया और जन ताला तोड़कर कॉलेज में दाखिल हुए। कटर से तारों को काटने के बाद उन्हें बांध दिया और वैन में डालकर तिवारी उसे लेकर चला गया।
अफगानिस्तान लड़कियों की यूनिवर्सिटी शिक्षा रोकने के फैसले पर फिर से विचार करे : पाक
पाकिस्तान ने अफगान अधिकारियों से अफगानिस्तान में लड़कियों के लिए विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा को स्थगित करने के फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। विदेश मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक प्रेस बयान में यह जानकारी दी गई। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस मुद्दे पर पाकिस्तान की स्थिति स्पष्ट और सुसंगत रही क्या मुझे बोली पर खरीदना चाहिए या मूल्य पूछना चाहिए? है। आगे कहा गया है, "हम मानते हैं कि प्रत्येक पुरुष और महिला को इस्लाम के आदेशों के अनुसार शिक्षा का अंतर्निहित अधिकार है।"
अफगानिस्तान के तालिबान शासन द्वारा संचालित उच्च शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की थी कि अगली सूचना तक छात्राओं को देश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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