Foreign Exchange Reserves : देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट

100 साल में पहली बार विदेशी मुद्रा सॉवरेन कर्ज चुकाने में नाकाम रहा रूस, जानिए क्या रही सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति वजह

रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बीते 100 साल में रूस पहली बार अपने विदेशी मुद्रा सॉवरेन कर्ज को नही चुका पाया. इससे पहले 1917 में रूस ने कर्जों को चुकाने से इनकार कर दिया था.

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, साल में पहली बार सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति 600 अरब डॉलर से नीचे

विदेश मुद्रा भंडार 3 सितंबर 2021 को 642.453 अरब अमरीकी डालर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, साल में पहली बार 600 अरब डॉलर से नीचे

लगातार आठ हफ्तों की गिरावट के बाद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) 600 अरब डॉलर से नीचे चला गया सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति है. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार 29 अप्रैल, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में 2.695 अरब डॉलर घटकर 597.73 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.

एक साल में पहली बार 600 अरब डॉलर से नीचे

देश का विदेशी मुद्रा भंडार जिसे 'आयात कवर' माना जाता है, जून 2021 में पहली बार 600 अरब अमरीकी डालर के पार पहुंच गया था. इसके बाद विदेश मुद्रा भंडार 3 सितंबर 2021 को 642.453 अरब अमरीकी डालर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति गया था. तब से अब तक इसमें 45 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है.

हाल के महीनों में रुपया कई कारकों से कमजोर हुआ है. 7 मार्च को 1 अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 76.97 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आठ हफ्तों की गिरावट 11 मार्च से शुरू हुई थी.

शुक्रवार, 6 मई को रुपया 76.93 प्रति USD पर कारोबार को समाप्त करते हुए फिर से अपने सर्वकालिक निचले स्तर के करीब पहुंच गया.

रूस-युक्रेन युद्ध का असर

रूस-युक्रेन युद्ध सहित विभिन्न वैश्विक कारकों की वजह से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट हुई है. NDTV के अनुसार, 24 फरवरी के बाद से भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 34 अरब अमरीकी डालर या लगभग 5.4 प्रतिशत की कमी आई है.

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों और कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि ने दुनिया भर के देशों में गंभीर मुद्रास्फीति पैदा की है. जिससे केंद्रीय बैंकों को समस्या का समाधान करने के लिए उपाय करना पड़ा है.

बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजारों में गिरावट को रोकने के लिए आक्रामक उपाय कर रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से डॉलर बेच रहा है और इस तरह विदेशी मुद्रा सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति भंडार में गिरावट आई है.

आईएफए ग्लोबल के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक गोयनका ने बताया कि, "आरबीआई रुपये की गिरावट को रोकने के लिए विदेश मुद्रा भंडार का इस्तेमाल कर रहा है."

विदेशी मुद्रा भंडार चार घटकों से बना होता है:

विदेशी मुद्रा सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति संपत्ति

स्पेशल ड्राइंग राइट्स

आईएमएफ में आरक्षित स्थिति

29 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में चारों घटकों में गिरावट दर्ज की गई थी.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई नहीं चाहता कि विदेशी मुद्रा भंडार 600 बिलियन अमरीकी डालर से नीचे गिरे. ऐसे में आरबीआई आने वाले हफ्तों में डॉलर की बिक्री पर अपनी नीति बदल सकता है.

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Foreign Exchange Reserves : दो साल के निचले स्तर पर आया विदेशी मुद्रा भंडार, रुपये में गिरावट को रोकने के लिए बेचने पड़ रहे डॉलर

Foreign Exchange Reserves : 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.847 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया। समीक्षाधीन सप्ताह में रुपया डॉलर के मुकाबले रेकॉर्ड गिरावट स्तर 83.29 पर पहुंच गया था। आरबीआई को इस गिरते रुपये को संभालने के लिए डॉलर बेचना पड़ता है।

Foreign Exchange Reserves

Foreign Exchange Reserves : देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट

हाइलाइट्स

  • देश के विदेशी मुद्रा भंडार में फिर आई बड़ी गिरावट
  • सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति
  • 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 3.847 अरब डॉलर घटा
  • विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) में आई बड़ी गिरावट

एफसीए में आई बड़ी गिरावट
रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 3.593 अरब डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रह गयीं। आंकड़ों के अनुसार देश का स्वर्ण भंडार मूल्य के संदर्भ में 24.7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 अरब डॉलर रह गया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (SDR) 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.44 अरब डॉलर हो गया है।
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रुपये में गिरावट बनी है वजह

समीक्षाधीन सप्ताह में रुपया डॉलर के मुकाबले सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति रेकॉर्ड गिरावट स्तर 83.29 पर पहुंच गया था। आरबीआई को इस गिरते रुपये को संभालने के लिए डॉलर बेचना पड़ता है। पिछले 12 में से 11 सप्ताह के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट हुई है। 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में इसमें उछाल आया था। स्वर्ण भंडार में बढ़ोतरी के चलते उस सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 204 मिलियन डॉलर बढ़ गया था।

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2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, 545.652 अरब डॉलर रह गया कोष

LagatarDesk : देश का विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सातवें सप्ताह गिरावट दर्ज की गयी. 16 सितंबर 2022 को खत्म हफ्ते में यह 5.22 अरब डॉलर घटकर 545.652 अरब डॉलर पर पहुंच गया. यह पिछले 2 सालों का सबसे निचला स्तर है. 9 सितंबर को खत्म सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.23 अरब डॉलर गिरकर 550.87 अरब डॉलर सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति हो गया था. इस तरह सितंबर माह यानी दो सप्ताह में भारत का कोष 7.सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति 75 अरब डॉलर कम हो गया. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी करके इसकी जानकारी दी है.

अगस्त माह में 11.932 अरब डॉलर कम हुआ कोष

आरबीआई के आंकड़ों के सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति मुताबिक, 26 अगस्त को हुए सप्ताह में भारत का कोष 3.007 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर रह गया था. इससे पहले 19 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया था. जबकि 12 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.23 अरब डॉलर सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति घटकर 570.74 अरब डॉलर पर आ गया था. वहीं 5 अगस्त को सप्ताह हुए सप्ताह में भारत का कोष 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 अरब डॉलर रह गया. इस तरह अगस्त महीने में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 11.932 अरब डॉलर की गिरावट आयी. वहीं इससे पहले जुलाई माह में यह 21.6938 अरब घटा था.

484.90 अरब डॉलर रह गया एफसीए

विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. बता दें कि एफसीए के बढ़ने से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त देखने को मिलती है. वहीं अगर एफसीए घटती है तो देश के भंडार में भी कमी आती है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है. रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए (FCA) 4.7 अरब डॉलर गिरकर 484.90 अरब डॉलर रह गया.

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रिपोर्टिंग वीक में गोल्ड रिजर्व, एसडीआर और आरक्षित मुद्रा भंडार में भी आयी कमी

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में भारत का स्वर्ण भंडार 45.8 करोड़ डॉलर घटकर38.186 अरब डॉलर बच गया. इसी तरह आलोच्य सप्ताह में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी एमआईएफ (IMF) में देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट (Special Drawing Rights) 3.2 करोड़ डॉलर कम होकर 17.686 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वहीं रिपोर्टिंग वीक में आईएमएफ के पास रखा देश का आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 3.1 करोड़ की गिरावट के साथ 4.88 अरब डॉलर पर आ गया.

ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंचा रुपया

बता दें कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट को थामने के लिए आरबीआई ने डॉलर बेचे है. जिसकी वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आयी है. शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया ऐतिहासिक निचले स्तर 81.20 के लेवल तक जा पहुंचा. कारोबार के अंत में रुपया 19 पैसे गिरकर 80.99 के लेवल पर क्लोज हुआ. यह पहली बार है जब भारतीय करेंसी की क्लोजिंग इतने निचले स्तर पर हुई है.

आयात, विदेश घूमना, पढ़ना आदि चीजें हो जायेंगी महंगी

रुपया कमजोर होने से भारत का आयात बिल बढ़ जायेगा. दूसरे देश से सामान आयात करने के लिए भारत को पहले की तुलना में ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. रुपया कमजोर होने से आयात पर निर्भर कंपनियों का मार्जिन कम होगा, जिसकी भरपाई दाम बढ़ाकर की जायेगी. इससे महंगाई बढ़ेगी. पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के मामले में भारत की आयात पर निर्भरता ज्यादा है. इसके अलावा विदेश घूमना, विदेश से सर्विसेज लेना आदि चीजें भी महंगी हो जायेगी.

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