Market A-Z Show: Technical Analysis क्या है और इसके में अहम इंडिकेटर क्या है?

Market Analysis को मुख्य रूप से Fundamental Analysis और Technical Analysis में विभाजित किया गया है। Technical Analysis को विशेष रूप से Stock Market में Short Term की Trading करने के लिए किया जाता है। Technical Analysis की मदद से Share Price Movements, Trends, Trading Volume इत्यादि का विश्लेषण कर सकते हैं। Institutional Equity KR Choksey Stocks & Securities के Senior VP Hemen Kapadia ने Jagran Business के Market A-Z Show पर टेक्निकल एनालिसिस बारे में विस्तार से बताया।

Technical Analysis का उपयोग Financial Market की चाल को आसानी से समझने के लिए किया जाता है। यह ऐतिहासिक वॉल्यूम और प्राइस मूवमेंट के आंकड़ों के आधार पर Financial Market की कीमतों की दिशा का पहले से अनुमान लगाने का एक मेथड है । इसके माध्यम से पुराने आंकड़ों के आधार पर शेयर की चाल का टेक्निकल इंडीकेटर्स पूर्वानुमान लगा सकते हैं। शेयर के उतार-चढ़ाव के चार्ट का विश्लेषण कर सकते हैं।

Technical Analysis में इंडिकेटर अहम टूल्स होते हैं। दरअसल ये शेयर की मूवमेंट को लेकर अहम संकेत देते हैं। इनमें मूविंग एवरेज, RSI, MACD, सुपर ट्रेंड और बोलिंजर बैंड समेत कई इंडिकेटर शामिल हैं। हर इंडिकेटर का अपना महत्व है लेकिन शेयर बाजार में सक्रिय ज्यादातर Investor मूविंग एवरेज, MACD और RSI इंडिकेटर को अहम मानते हैं।

Bitcoin में रिकवरी के लिए लंबे इंतजार का संकेत दे रहे टेक्निकल इंडिकेटर्स

बिटकॉइन के प्राइस में बड़ी गिरावट से क्रिप्टो मार्केट से जुड़ी फर्मों और इनवेस्टर्स को काफी नुकसान हुआ है

Bitcoin में रिकवरी के लिए लंबे इंतजार का संकेत दे रहे टेक्निकल इंडिकेटर्स

बिटकॉइन में दोबारा बड़ी गिरावट आने की आशंका भी बन रही है

खास बातें

  • इन्फ्लेशन बढ़ने का भी बिटकॉइन के प्राइस पर असर पड़ रहा है
  • यह पिछले एक महीने से अधिक से 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज के आसपास है
  • बिटकॉइन में गिरावट से इनवेस्टर्स को काफी नुकसान हुआ है

मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में रिकवरी का इंतजार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. यह संकेत कुछ टेक्निकल इंडिकेटर्स से मिल रहा है. बिटकॉइन के प्राइस में बड़ी गिरावट से क्रिप्टो मार्केट से जुड़ी फर्मों और इनवेस्टर्स को काफी नुकसान हुआ है.

लगभग दो महीने से इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट के बड़े कारणों में स्लोडाउन और टेक्निकल इंडीकेटर्स अमेरिका के फेडरल रिजर्व सहित बहुत से देशों के सेंट्रल बैंक की ओर से इंटरेस्ट रेट्स में की गई बढ़ोतरी है. इसके टेक्निकल इंडीकेटर्स अलावा इन्फ्लेशन बढ़ने का भी इस पर असर पड़ रहा है. Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, इस क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस लगभग 22,600 डॉलर के इसके 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज और लगभग 35,500 डॉलर के इसके 200 दिन के मूविंग एवरेज टेक्निकल इंडीकेटर्स से नीचे आ गया है. यह पिछले एक महीने से अधिक से 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज के आसपास है.

Valkyrie Investments का कहना है कि इंडिकेटर्स से इसमें तेजी आने का संकेत मिल रहा है लेकिन ऐसा कब तक होगा यह स्पष्ट नहीं है. आमतौर पर 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज के आसपास रहने के तीन से छह महीने के बाद प्राइस में तेजी आने की संभावना होती है. लगभग तीन वर्ष पहले भी बिटकॉइन लगभग तीन महीने तक 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज के आसपास रहा था. हालांकि, स्लोडाउन और क्रिप्टो मार्केट में बिकवाली जैसे अन्य कारणों से इसमें तेजी आने में लगभग एक वर्ष भी लग सकता है. कुछ अन्य टेक्निकल इंडिकेटर्स बिटकॉइन के लिए सपोर्ट के कुछ लेवल्स दिखा रहे हैं. यह 12,000 डॉलर से लगभग 20,000 डॉलर के बीच हैं. इससे बिटकॉइन में दोबारा बड़ी गिरावट आने की आशंका भी बन रही है.

बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर स्पॉट ट्रेडिंग जून में लगभग 27.5 प्रतिशत घटकर लगभग 1.41 लाख करोड़ डॉलर की रही. यह पिछले लगभग डेढ़ वर्ष का लो लेवल है. बिजनेस एनालिटिक्स फर्म MicroStrategy के CEO और क्रिप्टोकरेंसीज के समर्थक Michael Saylor ने हाल ही में बिटकॉइन की वास्तविक वैल्यू पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि अमेरिका में इन्फ्लेशन के टेक्निकल इंडीकेटर्स 9.1 प्रतिशत के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने और डॉलर के मुकाबले अन्य करेंसीज के कमजोर होने के साथ बहुत से लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि 1 बिटकॉइन की वैल्यू 1 बिटकॉइन से अधिक नहीं है. उन्होंने इससे यह स्पष्ट कर दिया कि वह क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइस की तुलना सामान्य करेंसीज के साथ नहीं करते और बिटकॉइन के प्राइस पर मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों के कड़े दबाव के बावजूद इसकी वास्तविक वैल्यू पर असर नहीं पड़ा है.

Top Stock Picks: केनरा बैंक, एचडीएफसी लाइफ सहित ये 5 शेयर दे सकते हैं मजबूत रिटर्न, जानिए क्या है टार्गेट

Stocks to Buy Today: प्रभुदास लीलाधर की वाइस प्रेसिडेंट (टेक्निकल रिसर्च) वैशाली पारेख के अनुसार HDFC Life के शेयर को 588 रुपये के टार्गेट के साथ खरीदा जा सकता है.

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2. केनरा बैंक (Canara Bank): वीकली टाइम फ्रेम पर केनरा बैंक के शेयर में काफी जबरदस्त ब्रेकआउट देखने को टेक्निकल इंडीकेटर्स मिला है और यह इंवर्टेड हेड एंड सोल्डर्स पैटर्न से ऊपर बना हुआ है. एक्सिस सिक्योरिटीज के मुताबिक, इस स्टॉक के 296-308 रुपये के टार्गेट के साथ खरीदा जा सकता है. साथ ही इस शेयर के लिए 238 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाकर रखा जा सकता है.

3. कैमलिन फाइन साइंसेज (Camlin Fine Sciences): यह स्टॉक 20, 50, 100 और 200 दिन के सिंपल मुविंग एवरेज से ऊपर है. इससे इस स्टॉक में बुलिश और पॉजिटीव ट्रेंड के संकेत मिलते हैं. एक्सिस सिक्योरिटीज ने 155-161 रुपये के टार्गेट के साथ इस स्टॉक को खरीदने की सलाह दी है.

4. फिनोलेक्स केबल्स: वीकली टाइम फ्रेम पर इस स्टॉक ने 'कप एंड हैंडल' पैटर्न बनाया है. यह स्टॉक 20,50, 100 और 200 दिन के सिंपल मुविंग एवरेज से टेक्निकल इंडीकेटर्स ऊपर है जो बुलिश सेंटिमेंट को नए सिरे से कंफर्म करता है. इस शेयर को 538-558 रुपये के टार्गेट के साथ खरीदा जा सकता है. इस स्टॉक के लिए 460 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाकर रखा जा सकता है.

5. एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life): प्रभुदास लीलाधर की वाइस प्रेसिडेंट (टेक्निकल रिसर्च) वैशाली पारेख के अनुसार, इस स्टॉक को 588 रुपये के टार्गेट के साथ खरीदा जा सकता है. वहीं, इस शेयर के लिए 520 रुपये के लेवल पर स्टॉप लॉस लगाकर रखा जा सकता है.

Forex Trading में महारथ हासिल करना चाहते है तो इन 10 टेक्निकल इंडिकेटर को अच्छे से समझ लें

Technical Indicator for Forex Trading: अगर आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहते है तो आपको कुछ फॉरेक्स इंडिकेटर के बारे में पता होना चाहिए। यहां टॉप 10 Forex Indicators बताए गए हैं जो प्रत्येक व्यापारी को पता होना चाहिए।

Forex Indicators: फॉरेक्स मार्केट में ट्रेड करते समय इंडीकेटर्स को आवश्यक माना जाता है। कई फॉरेक्स ट्रेडर्स प्रतिदिन इन इंडिकेटर का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि वे Forex Market में कब खरीद या बेच सकते हैं। इन इंडिकेटर को टेक्निकल एनालिसिस के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में जाना जाता है, और प्रत्येक ट्रेडर्स को इन टेक्निक या फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में पता होना चाहिए। यहां टॉप 10 Forex Indicators हैं जो प्रत्येक व्यापारी को पता होना चाहिए।

1) मूविंग एवरेज (Moving Average - MA)

मूविंग एवरेज (MA) एक महत्वपूर्ण फॉरेक्स इंडिकेटर है जो किसी विशेष अवधि में एवरेज प्राइस को इंडीकेट करता है जिसे चुना गया है।

अगर प्राइस ट्रेड Moving Average से ऊपर हैं, तो इसका मतलब है कि खरीदार कीमत को कंट्रोल कर रहे हैं, और अगर प्राइस ट्रेड मूविंग एवरेज से नीचे हैं, तो इसका मतलब है कि सेलर प्राइस को कंट्रोल कर रहे हैं।

इसलिए ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में अगर प्राइस मूविंग एवरेज से ऊपर है, तो ट्रेडर को Buy पर ध्यान देना चाहिए। मूविंग एवरेज सबसे अच्छे फॉरेक्स इंडिकेटर्स में से एक है जिसे हर ट्रेडर को पता होना चाहिए।

2) बोलिंगर बैंड (Bollinger Bands)

जब किसी विशेष सुरक्षा की कीमत की अस्थिरता को मापने की बात आती है, तो बोलिंगर बैंड इंडिकेटर का उपयोग किसी ट्रेड के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

बोलिंगर बैंड तीन भागों में आते हैं, अपर, मिडिल और लोवर ब्रांड। इन बैंडों का उपयोग अक्सर ओवरबॉट और ओवरसोल्ड स्थितियों को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

इस इंडिकेटर के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह एक फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट के समय के साथ कीमत और अस्थिरता को चिह्नित करने में मदद करता है।

3) एवरेज ट्रू रेंज (Average True Range - ATR)

एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर का उपयोग बाजार की अस्थिरता को मापने के लिए किया जाता है। इस इंडिकेटर में प्रमुख एलिमेंट रेंज है, और Periodic Low और हाई के बीच के अंतर को रेंज कहा जाता है।

रेंज को किसी भी ट्रेडिंग पीरियड पर लागू किया जा सकता है, जैसे इंट्राडे या मल्टी-डे। एवरेज ट्रू रेंज में ट्रू रेंज का इस्तेमाल होता है।

4) मूविंग एवरेज कन्वर्जेन्स/डाइवर्जेंस या एमएसीडी (Moving average convergence/divergence or MACD)

यह उन इंडीकेटर्स में से एक है जो फॉरेक्स मार्केट में चल रहे फोर्स को बताते हैं। इसके अलावा यह इंडिकेटर यह पहचानने में मदद करता है कि बाजार किसी विशेष दिशा में कब रुकेगा और सुधार के लिए जाएगा।

MACD को शॉर्ट-टर्म EMA से लॉन्ग टर्म के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज को घटाकर निकाला जाता है।

EMA एक प्रकार का मूविंग एवरेज है टेक्निकल इंडीकेटर्स जहां वर्तमान डेटा को अधिक महत्व मिलता है। हालांकि, MACD का फार्मूला

MACD = 12 पीरियड EMA - 26 पीरियड EMA है।

● इस स्कीम का लाभ केवल बालिकाएं ही उठा सकती हैं।

● बालिका दस वर्ष की आयु को पार नहीं कर सकती है। एक वर्ष की छूट अवधि प्रदान की जाती है, जो माता-पिता को दस वर्ष की आयु की बालिकाओं के एक वर्ष के साथ निवेश करने की अनुमति देती है।

● निवेशक को बेटी की उम्र का प्रमाण देना होगा।

5) फिबोनैकी (Fibonacci)

फिबोनैकी एक और बढ़िया फॉरेक्स इंडिकेटर है जो बाजार की सटीक डायरेक्शन को इंडीकेट करता है, और यह गोल्डन रेश्यो है जिसे 1.618 कहा जाता है।

कई Forex Trader इस टूल का उपयोग उन सेक्टर और उलटफेरों की पहचान करने के लिए करते हैं जहां लाभ आसानी से लिया जा सकता है। फिबोनैकी लेवल की गणना तब की जाती है जब बाजार ने एक बड़ा कदम ऊपर या नीचे किया है और ऐसा लगता है कि यह कुछ विशिष्ट मूल्य स्तर पर चपटा हो गया है।

फिबोनैकी के रिट्रेसमेंट लेवल को उन सेक्टर को खोजने के लिए प्लॉट किया जाता है जहां बाजार उस फ्रीक्वेंसी पर वापस जाने से पहले वापस आ सकता है जो पहली कीमत में मूवमेंट ने बनाया है।

6) रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (Relative Strength Index - RSI)

RSI एक अन्य फॉरेक्स इंडिकेटर है जो Oscillator कैटेगरी से संबंधित है। यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला फॉरेक्स इंडिकेटर के रूप में जाना जाता है और बाजार में एक ओवरसोल्ड या ओवरबॉट स्थिति को प्रदर्शित करता है जो अस्थायी है।

70 से अधिक का RSI वैल्यू एक अधिक खरीदे गए बाजार को दर्शाता है, जबकि 30 से कम का वैल्यू एक ओवरसोल्ड टेक्निकल इंडीकेटर्स बाजार को दर्शाता है। इस प्रकार, कई व्यापारी 80 RSI वैल्यू का उपयोग अधिक खरीद की स्थिति के लिए रीडिंग के रूप में करते हैं और 20 RSI वैल्यू ओवरसोल्ड बाजार के लिए।

7) पाइवोट पॉइंट (Pivot Point)

यह फॉरेक्स इंडिकेटर करेंसी की एक जोड़ी के डिमांड सप्लाई बैलेंस लेवल को इंडीकेट करता है। अगर कीमत पाइवोट पॉइंट लेवल तक पहुंच जाती है, तो उस विशेष भुगतान की डिमांड और सप्लाई समान स्तर पर होती है।

अगर कीमत पाइवोट पॉइंट लेवल को पार करती है, तो यह करेंसी जोड़ी के लिए हाई डिमांड को दर्शाता है, और अगर कीमत पाइवोट पॉइंट लेवल से नीचे आती है, तो यह करेंसी जोड़ी के लिए हाई सप्लाई को दर्शाती है।

8) स्टोकेस्टिक (Stochastic)

स्टोचस्टिक को टॉप फॉरेक्स इंडिकेटर में से एक माना जाता है जो व्यापारियों को मूवमेंट और ओवरबॉट/ओवरसोल्ड सेक्टर की पहचान करने में मदद करता है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग में Stochastic Oscillator किसी भी ट्रेंड को पहचानने में मदद करता है जो उलट होने की संभावना है। एक स्टोकेस्टिक इंडिकेटर एक निश्चित अवधि में क्लोजिंग प्राइस और ट्रेडिंग रेंज की तुलना करके मूवमेंट को माप सकता है।

9) डोनचियन चैनल (Donchian Channels)

यह टेक्निकल इंडीकेटर्स इंडिकेटर कई फॉरेक्स ट्रेडर्स को हाई और लो प्राइस एक्शन वैल्यू का निर्धारण करके बाजार की अस्थिरता को समझने में मदद करता है।

डोनचियन चैनल आमतौर पर तीन अलग-अलग लाइनों से बने होते हैं जो मूविंग एवरेज से संबंधित गणनाओं द्वारा बनाई गई टेक्निकल इंडीकेटर्स हैं।

Median के चारों ओर अपर-लोवर बैंड होते हैं। अपर और लोवर बैंड के बीच का एरिया डोनचियन चैनल है।

10) Parabolic SAR

Parabolic stop and reverse (PSAR) एक फॉरेक्स इंडिकेटर है जिसका उपयोग फॉरेक्स ट्रेडर्स द्वारा एक ट्रेंड को डायरेक्शन में आने के लिए किया जाता है, यह एक प्राइस के शॉर्ट टर्म रिवर्स पॉइंट का आकलन करता है।

यह इंडिकेटर मुख्य रूप से स्पॉट एंट्री और एक्जिट पोजीशन को खोजने के लिए उपयोग किया जाता है। PSAR किसी एसेट की कीमत के नीचे या ऊपर चार्ट पर डॉट्स के सेट के रूप में दिखाई देता है।

अगर डॉट कीमत से नीचे है, तो यह इंडीकेट करता है कि कीमत बढ़ रही है। इसके विपरीत अगर डॉट कीमत से अधिक है, तो यह इंडीकेट करता है कि कीमत नीचे जा रही है।

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