ब्लॉकचेन क्या हैं और Blockchain Technology कैसे काम करती है?
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी इस सदी की चुनिंदा जरूरी टेक्नोलॉजी में से एक हैं। इस तकनीक के इस्तेमाल से साइबर अपराध एवं करप्शन को कम किया जा सकता हैं। इसलिए आपको इस तकनीक के बारे में जानने की जरूरत हैै, आज हम जानेंगे की ब्लॉकचेन क्या हैं? और बिटकॉइन और ब्लॉकचेन में क्या अंतर हैं?
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ब्लॉकचेन क्या हैं? (What is blockchain in hindi)
ब्लॉकचेन एक विकेंद्रीकृत तकनीक का नाम है और क्रिप्टो करेंसी इस पर आधारित एक एप्लीकेशन है। ब्लॉकचेन तकनीक वितरित लेजर (distributed ledger) टेक्नोलॉजी का एक हिस्सा है, जँहा ब्लॉकचेन में डाटा को ब्लॉक्स में स्टोर किया जाता हैं। इसमें ब्लॉक्स की एक श्रेणी रहती है, जिनमें सूचनाएं होती है और ये सूचनाएं क्रिप्टोग्राफी के जरिए एनकोडेड होती हैं। सरल शब्दों में ब्लॉकचेन को इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस भी कहते हैं।
क्रिप्टोग्राफ़ी की बात करें तो यह डाटा को स्टोर करने और आगे ट्रांसमीट करने का एक तरीका हैं। अगर ब्लॉकचेन का प्रयोग पैसे ट्रांसफर के लिए किया जा रहा है तो ब्लॉक्स में सेंडर का नाम रिसीवर का नाम और अमाउंट की जानकारी होती है इसके अलावा ब्लॉक्स में एक हैश(HASH) भी होता है, हैश यूनिक आइडेंटिटी कार्ड्स को कहां जाता है। इस हैश की तुलना आप फिंगरप्रिंट से भी कर सकते हैं जैसे फिंगरप्रिंट यूनिक होता है वैसे ही हर हैश यूनिक होता हैं।
लेजर (ledger) P2P नेटवर्क पर आधारित होता है, अगर किसी एक ब्लॉक में बदलाव किया जाता है तो सारे नोड्स को लेजर के द्वारा पता चल जाता हैं। यह तकनीक विकेंद्रीकृत है, एक सिस्टम से पूरी चेन कनेक्ट नहीं होती बल्कि पूरी चेन के सारे सिस्टम एक-दूसरे से कनेक्ट होते हैं।
ब्लॉकचेन कई तरह के होते हैं जैसे कि पब्लिक ब्लॉकचेन इसमें सारी सूचनाएं सबके लिए ओपन होती है वहीं प्राइवेट ब्लॉकचेन को कुछ लोगों तक ही सीमित रखा जाता हैं। ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी का प्रयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है विभिन्न क्षेत्रों में इसका उपयोग किया जाता है जैसे कि मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग, सिक्योरिटी, इत्यादि।
क्रिप्टो करेंसी, क्रिप्टो मेटावर्स और Non-Fungible Tokens (NFT) तीनो ब्लॉकचैन पर ही आधारित है जँहा NFTs ब्लॉकचैन में ही सुरक्षित रूप से संगृहीत किये जाते है जिस तरह क्रिप्टोकोरेंसी के सारे रिकॉर्ड होते है। जबकि ब्लॉकचैन तकनीक और क्रिप्टोकोर्रेंसी पर आधारित मेटावर्स यांनी आभाषी दुनिया को क्रिप्टो मेटावर्स कहते है।
क्रिप्टोग्राफी क्या हैं? (What is cryptography in hindi)
क्रिप्टोग्राफी सामान्य लेख को बायनरी (binary) रूप में परिवर्तित करता है यानी कि सिंपल शब्दों को अंको में परिवर्तित करता है, क्रिप्टोग्राफी के द्वारा डाटा को स्टोर किया जाता है एवं डाटा को ट्रांसमिट कराया जाता है, इसे किसी विशेष रूप में ही ट्रांसमिट किया जाता है। साथ ही जिस व्यक्ति को क्रिप्टोग्राफी के द्वारा डाटा भेजा जाता है केवल वे ही इसे समझ सकते हैं या Decode कर सकते हैं। यह डाटा को चोरी होने से बचाता है एवं पूरी तरह से डाटा को सुरक्षित रखता हैं।
हैश क्या है? (What is hash in hindi)
यूनिक आइडेंटिफायर कोड्स को हैश कहते हैं। जिस तरह Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है से हर व्यक्ति का फिंगरप्रिंट अलग होता है उसी तरह से हैश भी अलग-अलग होता है। इसलिए इसे यूनिक कहते हैं। हैश को अंको और अल्फाबेट से निरूपित( represent) करते हैं। उदाहरण के तौर पर 11SY28T, हैश सभी ब्लॉक्स में होता है एवं सभी ब्लॉक्स हैश के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।
ब्लॉकचेन कैसे काम करता है? (How does Blockchain work?)
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ब्लॉक पर आधारित एवं कार्य करने वाला सिस्टम हैं। ब्लॉक में उपयोगकर्ता की जानकारी एवं ट्रांजैक्शन हिस्ट्री होती है, मान लीजिए कि 3 Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है ब्लॉक होते हैं ये तीन ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े रहते हैं इन तीनों में हैश होता है। अगर किसी भी ब्लॉक को बदला जाता है तो अन्य ब्लॉक को बदलावों का पता चल जाता है, कंप्यूटर के द्वारा करोड़ों अरबों हैश को कुछ सेकंड में ही कैलकुलेट किया जाता हैं।
ब्लॉकचेन को प्रूफ ऑफ वर्क भी कहते हैं। ब्लॉकचेन कंप्यूटर के द्वारा सारे कामों की सूची तैयार करके अपने पास स्टोर करता हैं। अगर कोई यूजर ट्रांजैक्शन करता है तो ट्रांजैक्शन किसके द्वारा किया गया है और ट्रांजैक्शन कहां किया गया है। इसके अलावा ट्रांजैक्शन की राशि को ब्लॉकचेन ब्लॉक के अंदर स्टोर करता हैं, आवश्यकता पड़ने पर ब्लॉक के डेटाबेस को देखा एवं पढ़ा जा सकता हैं।
ब्लॉकचेन की विशेषताएं (Features of blockchain)
Peer to peer ट्रांजैक्शन के चलते किसी थर्ड पार्टी का दखल खत्म हो जाता है जिससे किसी भी उद्योग या व्यापार के कीमत में कमी की जा सकती हैं। और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पूरी तरह से सुरक्षित है इसलिए इस पर भरोसा किया जा सकता हैं। इसके कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्न है।
- बैंकों में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके इस क्षेत्र में डाटा सिक्योरिटी, सर्विस डिलीवरी की गति, भ्रष्टाचार में कमी आदि की जा सकती हैं।
- ब्लॉकचेन के कारण डेटाबेस सुरक्षित रहता है एवं ट्रांजैक्शन समय में कमी आती हैं।
- ब्लॉकचेन तकनीक में एक बार होने वाले ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड को हटाया नहीं जा सकता, जिसके कारण इससे वर्तमान में होने वाले बड़े अपराधियों को रोका जा सकता हैं।
- ब्लॉकचेन के जरिए सारा डाटा एक जगह स्टोर हो सकेगा इसके साथ साथ हर रिकॉर्ड की जानकारी तुरंत हासिल करने की सहूलियत भी रहेगी।
- इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस होने के कारण पेपर वर्क कम होने से पर्यावरणीय स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- शिक्षा के क्षेत्र में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके पेपर लीक जैसे मामलों पर लगाम कसी जा सकती हैं।
ब्लॉकचेन और बिटकॉइन में अंतर (difference between blockchain and bitcoin)
कुछ लोग बिटकॉइन और ब्लॉकचेन को लेकर अक्सर भ्रम में रहते है। ऐसे में इनके अंतर को भी जान लें।
Blockchain | Bitcoin |
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ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी का नाम हैं। | ब्लॉकचेन पर आधारित बिटकॉइन एक एप्लीकेशन हैं। |
ब्लॉकचेन को distributed database कहते हैं। | बिटकॉइन को क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। |
ब्लॉकचैन अंडरपिनिंग तकनीक हैं। | बिटकॉइन को खरीदा एवं बेचा जा सकता हैं। |
ब्लॉकचेन के अंदर ट्रांजैक्शन की हिस्ट्री स्टोर रहती हैं। | बिटकॉइन को माइनिंग के द्वारा प्राप्त किया जाता हैं। |
ब्लॉकचेन का इतिहास (History of blockchain)
आज से लगभग 10 साल पहले प्रयोग में आई इस तकनीक ने पूरी दुनिया में क्रांति ला दी, सबसे पहले साल 1991 में क्रिप्टोग्राफी के बारे में Stuart Haber, W. Scott Stornetta और Dave Bayer ने बताया था, साल 2008 में सतोशी नाकामोटो नाम के वैज्ञानिक ने पहला ब्लॉकचेन डाटाबेस तैयार किया। साल 2009 के अंतराल नाकामोटो ने पहला पब्लिक लेजर ब्लॉकचेन बिटकॉइन के लिए बनाया।
इसके बाद साल 2014 में ब्लॉकचेन तकनीक में बिटकॉइन के भीतर अन्य क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोगों में बात की गई, समय के साथ टेक्नोलॉजी में बहुत सारे बदलाव किए गए और इस तकनीक ने बैंकिंग, पब्लिक रिकॉर्ड्स, लैंड डील जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला दी, बैंकिंग और पब्लिक रिकॉर्ड्स में सबसे बड़ी चुनौती है रिकॉर्ड्स को सुरक्षित रखने की पारदर्शिता और किसी भी तरह की जालसाजी को रोकना, ब्लॉकचेन की प्रक्रिया में इन सभी चुनौतियों का हल शामिल हैं।
क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं और उनके प्रकार – What is Cryptocurrency in Hindi
आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं (what is cryptocurrency in hindi) ? आज हर कोई cryptocurrency की बातें कर रहा हैं. crypto currency ने बहुत ही कम समय में फाइनेंसियल मार्केट में अपना सत्ता मजबूत जाहिर कर दिया हैं | चूँकि cryptocurrency को digital money भी कहा जाता हैं क्योंकि ये केवल और केवल online ही मौजूद हैं और क्रिप्टोकरेंसी को हम physically लेन – देन नहीँ कर सकते | तो चलिए क्रिप्टोकरेंसी के वृत्तांत जानकारी को सिरे से समझते हैं |
crypto currency in hindi
क्या हमारे, आप के दादा – परदादा जी कभी सोचे होंगे कि हमारे बाल बच्चों को भविष्य में सामान खरीदने के लिए पॉकेट में रुपया लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी. और अब से सामान को खरीदने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपके जेब में कितने रुपए Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है हैं क्योंकि अब तो बस स्कैन करना होता है. यदि हम और पुराने जमाने की बात करें तो जब रुपए का प्रचलन भी कम हुई करती थी . आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जीवन निर्वहन के लिए सामानों का परस्पर अदला बदली किया जाता था जिसे हम आमतौर पर वस्तु विनिमय प्रणाली के नाम से जानते हैं. उस समय एक समान के बदले लगभग उसी मूल्य के दूसरे सामान को खरीद लिया जाता था. जैसे गेहूं देकर चावल लेना , धान अथवा चावल देकर चूड़ा खरीदना इत्यादि वस्तु विनिमय प्रणाली में शामिल थे. वस्तुओं के आदान-प्रदान में काफी समस्याओं का सामना किया गया होगा तभी रुपया का प्रचलन हुआ होगा. वैसे भी कहते हैं ना की आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है बिल्कुल वही हुआ होगा. आजकल तो रुपए की जगह बहुत हद तक डेबिट कार्ड , क्रेडिट कार्ड बगैरा ने ले रखी है. शुरुआती समय में इन सभी का कुछ ना कुछ लिमिटेशन हुआ करता था. जैसे नेट बैंकिंग अपने कार्यालय समय सीमा में ही सर्विस उपलब्ध किया करती थी किंतु जब से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कि लोकप्रियता बढी है तब से तो मानो इस क्षेत्र में क्रांति ही आ चुकी है . जैसे पेटीएम, गूगल पे, अमेजॉन पे इत्यादि पर ट्रांजैक्शन के विकल्प उपलब्ध हो गए हैं. जिससे अब बैंक जाने की जरूरत ही कम होने लगी है। इन सभी प्लेटफॉर्म की खास बात यह है की इसमें वॉलेट की सुविधा भी उपलब्ध है। यदि आपके वॉलेट में रुपये हो तो कभी भी किसी भी समय कहीं भी ऑनलाइन पेमेंट करके आप काम कर सकते हैं. आज हम एक खास विषय पर जानकारी साझा करने जा रहा हूं और वह है क्रिप्टो करेंसी. वैसे भी आजकल क्रिप्टो करेंसी कि काफी सुर्खियों में रहा है.
इस आर्टिकल में हम जाने वाले हैं:-
क्रिप्टो करेंसी क्या है?
यह कितने प्रकार का होता है?
यह कैसे काम करती है?
इसे नियंत्रित कौन करता है?
यह सुरक्षित है अथवा नहीं?
विश्व में इसका प्रचलन और लोकप्रियता?
भारत का क्रिप्टो करेंसी को लेकर स्टैंड् क्या है?
भारत में इसके लिए कानूनी प्रावधान क्या है?
इस तरह हम इस आर्टिकल में बहुत कुछ जानने वाले हैं तो बने रहिए हमारे साथ दिमाग की बत्ती जला कर.
what is cryptocurrency in hindi
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क्रिप्टोकरेंसी क्या है (Cryptocurrency in Hindi)?
जैसे अलग-अलग देशों की अपनी मुद्रा Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है होती है जिससे उस देश की अर्थव्यवस्था चलती है और वह मुद्रा उस देश की सरकार द्वारा स्थापित किसी संस्था द्वारा जारी की जाती है.
उदाहरण के लिए कि भारत की मुद्रा रुपया है जो भारत सरकार द्वारा गठित भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाती है.
उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्रा है जिसे कोई भी सरकार जारी नहीं करती है अपितु यह कंप्यूटर एल्गोरिथम पर काम करती है.
types of cryptocurrency
क्रिप्टोकरेंसी कितने प्रकार का होता है? (Types of Cryptocurrency)
वैसे तो क्रिप्टोकरेंसी कई प्रकार Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है के होते हैं पर मैं कुछ मुख्य प्रकार के क्रिप्टो की बात करने जा रहा हूं.
Bitcoin, एथेरियम, tether, BNB, USD coin, solana, XRP, cardano, terra, dog coin, लाइट coin, Dia, Waves इत्यादि.
गौरतलब है कि इन सब में बिटकॉइन काफी प्रचलित है. इसकी लोकप्रियता कुछ इस कदर है कि क्रिप्टो का सीधा सा मतलब लोग बिटकॉइन से समझते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है? (cryptocurrency kaise kaam karta hai)
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी सरकार द्वारा जारी नहीं किया जाता। अर्थात क्रिप्टो करेंसी पर किसी देश, राज्य अथवा संस्था का नियंत्रण नहीं होता है . तो हम कह सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी एक स्वतंत्र मुद्रा है और इसके लिए क्रिप्टो ग्राफि का प्रयोग किया जाता है. वैसे जानकारी के लिए बता दूं कि क्रिप्टो करेंसी दरअसल वित्तीय लेनदेन का एक जरिया है और इससे कोई भी वस्तु खरीदी जा सकती है. इससे स्पष्ट होता है कि क्रिप्टो का काम ठीक वही है जो भारत में भारतीय रुपया, बांग्लादेश में टाका अथवा अमेरिकी डॉलर के समान ही Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है है.किंतु फिर प्रश्न यह उठता हैं की :-
क्रिप्टोकरेंसी और बाकी देशों की मुद्राओं में क्या अंतर है?
व्यवहारिक तौर पर क्रिप्टो और रुपया मैं कोई भी अंतर नहीं है अर्थात रुपयों से कोई भी सामान खरीदी अथवा बेची जा सकती है उसी प्रकार क्रिप्टो से भी सामान खरीदी अथवा बेची जा सकती है.
Private Cryptocurrency पर बैन! जानिए कौन सी मुद्रा कहलाती है प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी, जिस पर नहीं है RBI का बस
Cryotocurrency को भारत में वैध बनाने की प्रक्रिया के बीच केंद्र सरकार इस Parliament Winter Session में एक बड़ा बिल लाने की तैयारी कर रही है। लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक निचले सदन में पेश किए जाने वाले Bills की लिस्ट में प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी बिल है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Cryotocurrency को भारत में वैध बनाने की प्रक्रिया के बीच केंद्र सरकार इस Parliament Winter Session में एक बड़ा बिल लाने की तैयारी कर रही है। लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक निचले सदन में पेश किए जाने वाले Bills की लिस्ट में प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) लिस्टेड है। यहां प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी (Private Cryptocurrency) शब्द पर ध्यान देने की जरूरत है।
बता दें कि भारत में अभी Cryptocurrency को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। भारतीय निवेशकों ने इसमें काफी रकम लगा रखी है। लोकसभा की वेबसाइट के मुताबिक सरकार बिल लाकर रिजर्व बैंक को यह अधिकार देगी कि वह अपनी डिजिटल करंसी ला सके और उसकी रूपरेखा तैयार कर सकेगा। इसके साथ ही Private Cryptocurrency को बैन किया जाएगा। यानि Bitcoin, Ether, binance coin, solana और dogecoin, Monero, Dash जैसी आभासी मुद्रा में खरीद-फरोख्त करने पर पाबंदी लग जाएगी।
क्या है Private Cryptocurrency
सरकार की तरफ से अभी यह साफ नहीं है कि वह किस Private Cryptocurrency की बात कर रही है। हालांकि Bitcoin, Ether या दूसरी आभासी मुद्राएं भी एक तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी है, जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करते हैं। Bitocoin और दूसरी करंसी अनजान और ट्रेस न किए जा सकने वाले ट्रांजैक्शन की अनुमति देती हैं। कोई भी सरल तकनीक का इस्तेमाल करते हुए Bitcoin बना सकता है।
Monero-Dash भी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी
Monero, Dash और दूसरे Crypto token भी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी में आते हैं। इन प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी में यूजर की प्राइवेसी बनी रहती है। उसका डेटा सुरक्षित रहता है। इसे प्राइवेट टोकन भी कहते हैं।
कैसे करती है काम
Cryptocurrency की बात करें तो यह एक तरह की Private virtual currency है। यह जिसके पास भी है वह उसका मालिक है। मसलन Bitcoin या Ether, जिनकी मार्केट वैल्यू काफी ज्यादा है। 1 Bitcoin की कीमत 60 हजार डॉलर के आसपास है। इन करंसी में खरीद-फरोख्त पब्लिक लेजर के जरिए होती है। इसमें कोई भी भाग ले सकता है।
क्या है ब्लॉकचेन
Cryptocurrency ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है। यह एक डिजिटल फाइल है, जिसे किसी भी सूरत में एमेंड नहीं किया जा सकता। Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है डेटा वितरण के लिए यह Peer to peer mechanism पर काम करती है। मसलन अगर कोई यूजर दूसरे साथी को 20 यूनिट ट्रांसफर करना चाहता है तो ऐसे ट्रांजैक्शन में बैंक या केंद्रीय इकाई नियंत्रण करती है। लेकिन Blockchain में कोई केंद्रीय नियामक नहीं होता। हर यूजर को डिजिटल फाइल पर नियंत्रण होता है।
बिटकॉइन में 100 रुपये का निवेश आपको बना सकता था 7.5 करोड़ का मालिक
9 साल में बिटकॉइन ने साढ़े सात लाख गुना रिटर्न दिया . एक बिटकॉइन का भाव 4000 डॉलर के पार पहुंचा
क्या है बिटकॉइन ?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं . यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पाउन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है और अन्य मुद्राओं में भी एक्सचेंज किया जा सकता है. यह करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है लिए किया जा रहा है. बिटकाइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. दुनियाभर के बड़े बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन में
दुनिया की सबसे महंगी करेंसी
बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गई है. फिलहाल एक बिटकॉइन की ऑनलाइन या बाजार कीमत करीब 2.69 लाख रुपये से भी ज्यादा है. कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना बैंक के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. वहीं, इस करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है.
कैसे काम करती है बिटकॉइन?
आप बिटकॉइन को अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर बिटकॉइन वॉलेट के रूप में इंस्टॉल कर सकते हैं. इससे आपका पहला बिटकॉइन एड्रेस बनेगा और जरूरत पड़ने पर आप एक से ज्यादा एड्रेस भी बना सकते हैं. अब आप अपने मित्रों को अपना बिटकॉइन एड्रेस दे सकते हैं. इसके बाद आप उनसे भुगतान ले या उन्हें भुगतान कर भी सकते हैं.
अवैध धंधों में हो रही बड़े पैमाने पर इस्तेमाल
बिटकॉइन का इस्तेमाल ब्लैकमनी, हवाला, ड्रग्स की खरीद-बिक्री, टैक्स की चोरी और आतंकवादी गतिविधियों में बड़े पैमाने पर होता है. बिटकॉइन के बढ़ते इस्तेमाल ने दुनियाभर के देशों में सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. भारत में रिजर्व बैंक या किसी भी अन्य रेग्युलेटर ने इस वर्चुअल मुद्रा को कानूनी मान्यता नहीं दी है.
देश में भी खूब हो रहा बिटकॉइन में लेनदेन
केंद्र सरकार फिलहाल बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी के ऑनलाइन लेनदेन पर रोक लगाने की स्थिति में नहीं है. इस मामले में सरकार के भीतर हुए विमर्श कई बार हो चुका है. ऐसी करेंसी की ऑनलाइन खरीद-फरोख्त पर नियंत्रण संभव नहीं है. हालांकि अभी सरकार ने इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. दुनिया में करीब 90 से अधिक वर्चुअल करेंसी चलन में हैं.
क्या है क्रिप्टो करेंसी का भविष्य
अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने अपने ग्रााहकों को पिछले हफ्ते भेजे नोट में कहा था कि क्रिप्टो करेंसी को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. इसमें ग्रोथ की प्रबल संभावना है. भारत में क्रिप्टो करेंसी में शुरुआती कारोबार से जुड़े एमकैप क्रिप्टो करेंसी के संचालक अमित भारद्वाज के मुताबिक क्रिप्टो करेंसी का भविष्य काफी बेहतर है. अगर आप बिटकॉइन में निवेश से चूक गए हैं तो बाजार में क्रिप्टो करेंसी में निवेश के कई और विकल्प हैं. मसलन, एमकैप का मौजूदा भाव 2 डॉलर के करीब है इसके अलावा यूथेरियम क्रिप्टो करेंसी का मौजूदा भाव 300 डॉलर है. जानकारों के मुताबिक एमकैप क्रिप्टो करेंसी का भाव इस साल 50 डॉलर के पार जाने की संभावना है.
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