Published at : 22 May 2022 11:57 AM (IST) Tags: Money Cryptocurrency Investment bill gates market हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

Bill Gates: माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक को Cryptocurrencies पर भरोसा नहीं, बताया क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं और वे कैसे काम करती हैं? वह क्यों इससे दूर रहते हैं

By: ABP Live | Updated at : 22 May 2022 12:03 PM (IST)

बिल गेट्स ( Image Source : Getty )

Bill Gates On Cryptocurrency: माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के को-फाउंडर Bill Gates को Cryptocurrencies पर भरोसा नहीं है. वह पहले भी कई बार क्रिप्टो पर संदेह जता चुके हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में Reddit पर 'आस्कमी एनीथिंग' सेशन में उन्होंने इन बातों से पर्दा उठाया कि वह क्रिप्टो मेंक्यों नहीं इनवेस्ट करते हैं.

उन्होंने कहा कि वह उन चीजों में इनवेस्ट करना पसंद करते हैं कि जिनका कोई वैल्यूएबल आउटपुट होता है. साथ ही कंपनियों की वैल्यू इस बात पर निर्भर करती है कि वे कितने अच्छे प्रोडक्ट्स बनाती हैं. क्रिप्टो की वैल्यू ऐसी है, जिसे दूसरा कोई तय करता है. दूसरा इसे खरीदता है जिससे दूसरे इनवेस्टमेंट की तरह क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं और वे कैसे काम करती हैं? इससे समाज का कोई भला नहीं होता है."

जानो क्रिप्टोकरेंसी क्या है (What is Cryptocurrency)

क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है अर्थात यह एक डिजिटल करेंसी है जिसका उपयोग वास्तु या सेवाओ को खरीदने के लिए किया जाता है यह विकेन्द्रीकृत (Decentralised) डिजिटल मनी है जोकि ब्लॉकचैन पर आधारित है

1.यह एक डिजिटल लेजर है
2.ब्लॉकचैन के डेटा को आसानी से हैक नहीं किया जा सकता है
3.इसमें होने वाली गतिविधियों को पता लगया जा सकता है
4.ट्रांज़ैक्शन स्पीड बहुत ज्यादा होती है

क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करती हैं (How cryptocurrency works)

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचैन पर आधारित है तथा क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले लेनदेन का डाटा (Data) ब्लॉक्स (क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं और वे कैसे काम करती हैं? Blocks) में रखा जाता है तथा इनकी सिक्यूरिटी (Security) क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग (Cryptocurrency Mining) द्वारा की जाती है तथा वे व्यक्ति जो क्रिप्टोकरेंसी की Mining का कार्य करते है उन्हें मायनर (Miners) कहा जाता है

1.क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति का एक रूप है
2.यह विकेन्द्रीकरण पर आधारित है इसका अर्थ है की इसपर किसी एक क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं और वे कैसे काम करती हैं? व्यक्ति का नियंत्रण नही है अर्थात इसे किसी एक व्यक्ति के द्वारा नियंत्रित नही किया जाता है
3.क्रिप्टोकरेंसी का आदान प्रदान किया जा सकता है
यह वर्चुअल है अर्थात यह केवल ऑनलाइन ही उपलब्ध है
4.इसमें पारदर्शिता (ट्रांसपेरेंसी) है क्योकि इसके अधिकांश कोड ओपन सोर्स है

क्रिप्टो के नुकसान क्या हैं (Disadvantages of crypto)

  • क्रिप्टो का इस्तेमाल गैर क़ानूनी कार्यो के लिए किया जाता है
  • गलत ट्रांसक्शन होने के बाद उसे पूण रिकवर नहीं कर सकते है
  • इसमें भारी जोखिम भी हो सकता है
  • इसका संचालन किसी एक संस्था या किसी व्यक्ति द्वारा नहीं किया जाता है
  • यदि क्रिप्टो वॉलेट की आईडी आप भूल जाते है तो आपके सभी रूपये दुब सकते है
  • क्रिप्टो में बहुत अधिक अप डाउन देखने को मिलता है

Statista की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में अक्टूबर 2021 में लगभग 6000 क्रिप्टोकरेंसी है । तथा पिछले वर्षो की तुलना में इनमे बहुत वृद्धि हुई है, 2013 में इनकी संख्या लगभग 66 थी तथा 2014 में लगभग 506, 2015 में 562, 2016 में लगभग 644, 2017 में लगभग 1335, 2018 में लगभग 1658, 2019 में लगभग 2817 थी।

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Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं और वे कैसे काम करती हैं? और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।

सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य

क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।

सीबीडीसी के ये हैं बड़े फायदे

सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।

केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है। दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है। उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है। वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।

तथ्यों पर स्पष्टता का है अभाव

चूंकि क्रिप्टोकरेंसी अभी भी एक विकसित चरण में हैं, कई वित्तीय विशेषज्ञों का मानना ​​है कि वे अल्पकालिक सनक बन जाएंगे। हालांकि, वित्तीय विशेषज्ञों के एक अन्य वर्ग का मानना ​​है कि क्रिप्टोकरेंसी मौजूदा वित्तीय प्रणाली को बाधित कर सकती है और पूरी तरह से लेनदेन की एक नई प्रणाली ला सकती है।

क्रिप्टोकरेंसी के विभिन्न तथ्यों पर स्पष्टता का अभाव है, सबसे महत्वपूर्ण उनकी उपयोगिता के बारे में। कुछ इसे मुद्रा के रूप में मानते हैं, कुछ इसे भुगतान के लिए उपयोग करते हैं, अन्य समुदायों में भाग लेने के लिए, और अधिकांश एक निवेश के रूप में जिसका मूल्य अटकलों से प्रेरित होता है।

साइबर अटैक का खतरा

हालांकि अत्यधिक सुरक्षित ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित, क्रिप्टोकरेंसी को संभावित रूप से साइबर अटैक से खतरा हो सकता है। इसके इकोसिस्टम के विभिन्न हिस्से जैसे एक्सचेंज जो आपको क्रिप्टोकरेंसी, या डिजिटल वॉलेट में ट्रेड क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं और वे कैसे काम करती हैं? करने की अनुमति देते हैं, साइबर हैकर्स के लिए पूरी तरह से प्रतिरक्षित नहीं हो सकते हैं। कई बार हमने रिपोर्ट्स में पढ़ा है कि बिटकॉइन के मामले में, कई ऑनलाइन एक्सचेंजों में हैकिंग और लाखों डॉलर के कॉइन की चोरी करने की कोशिश की गई थी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं और वे कैसे काम करती हैं? बजट 2022-23 घोषणा की करते हुए बताया था कि डिजिटल करंसी (क्रिप्टोकरंसी) पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है। इसके अलावा वर्चुअल करंसी के ट्रांसफर पर 1 फीसदी TDS भी लगेगा। अगर वर्चुअल एसेट को गिफ्ट के तौर पर दिया क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं और वे कैसे काम करती हैं? जाता है तो टैक्स वह शख्स देगा जिसको वह वर्चुअल एसेट गिफ्ट के तौर पर मिली है। यह भी बताया गया है कि रुपये की डिजिटल करेंसी को इसी वित्त वर्ष चालू किया जाएगा। ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करके डिजिटल करेंसी शुरू की जाएगी, आरबीआई 2022-23 से इसे जारी करेगा।

क्‍या क्राउडफंड‍िंग कानूनी है?

भारतीय नियमों के अनुसार, इक्विटी आधारित क्राउडफंडिंग गैर-कानूनी है. यानी ऐसा नहीं किया जा सकता है. वहीं, पीयर-टू-पीयर लेंडिंग पर भारतीय रिजर्व बैंक का नियंत्रण है.

कम्‍यून‍िटी क्राउडफंड‍िंग क्‍या है?

कम्‍यून‍िटी क्राउडफंड‍िंग क्‍या है?

कम्यूनिटी क्राउडफंडिंग में दान आधारित और पुरस्कार आधारित क्राउडफंडिंग शामिल है. यह पूरी तरह से कानूनी है. सामाजिक कल्याण के लिए यह फंड जुटाने का लोकप्रिय तरीका रहा है.

क्‍या क्राउडफंडिंंग के ल‍िए फीस है?

क्‍या क्राउडफंडिंंग के ल‍िए फीस है?

क्राउडफंडिंग से जुड़ी वेबसाइटें अमूमन अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिए फीस वसूलती हैं. यह फीस सेवाओं के बदले ली जाती है. ये फंड जुटाने में सहूलियत देती हैं. इनकी मदद से बेहद कम समय में काफी फंड जुटा लिया जाता है.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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