Technical Analysis kaise Karen - Technical Analysis kya hai

Share Market मे invest करने से पहले आपको Technical Analysis कैसे करे वो सीखना चाइए । आज इस पोस्ट में हम जानेंगे What is Technical Analysis in Stock Market, टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते है शेयर बाज़ार शेयर मार्केट चार्ट क्या है? में

Technical Analysis एक ऐसा एनालिसिस है जिसमे किसी स्टॉक का मूवमेंट , वॉल्यूम, उसकी Price Action और दूसरे indicators का सहारा लिया जाता है जिससे उस स्टॉक के मारे में कुछ आगे कि जानकारी मिल सके कि stock में आगे क्या मूवमेंट हो सकती है ।

Technical Analysis करने में किसी स्टॉक कि Price Action देखी जाती है , Open Price - Low Price - High Price देखा जाता है । स्टॉक ने एक साल में कितनी movement की है वो देखा जाता है (जिसको 52 weeks High Or 52 Weeks Low बोला जाता है) Technical Analysis में सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखा जाता है । अगर आपको पता नहीं है कि Support - Resistance क्या है तो यहां क्लिक करके आप उसके बारे में समझ सकते है | "What Is Support and Resistance"

Technical Analysis करने के लिए इन बातो को ध्यान में रखना ज़रूरी है :

  • Chart (चार्ट) क्या होता है :

शेयर मार्केट में चार्ट का बहुत ही अलग महत्व है । चार्ट आपको किसी भी स्टॉक कि movement को दिखाता है । चार्ट का भी अलग अलग प्रकार होता है जैसे कि , Candle Stick Chart, Kagi, Heikin Ashi, Line Chart, Volume Candle और इसमें ज्यादातर Use होने वाला चार्ट Candle Stick Chart है ।

  • Chart Pattern (चार्ट पैटर्न) क्या है :

शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव रहता है मल्टब कि कोई भी share एक तरफा movement नहीं करता है । कोई भी share उपर- नीचे प्राइस एक्शन करता है । जो अलग अलग चार्ट पैटर्न बनाता है जिसको पढ़कर आपको एक अंदाजा आ सकता है कि शेयर मे क्या movement हो रही है ।

प्रत्येक कैंडल स्टिक एक विशेष अवधि के दौरान उस शेयर में व्यापार को विशिष्ट संख्या को दर्शाता है । जापानी कैंडल स्टिक सबसे पुरानी चार्ट तकनीक है । कैंडल स्टिक के अलग अलग प्रकार है जिसमे मारूबोजू, डोजी, हैमर, हैंगिंग मेन, शूटिंग स्टार और अन्य पैटर्न का समावेश होता है ।

  • Indicator का उपयोग :

जब कभी technical analysis किया जाता है तब Indicator का उपयोग किया जाता है । Indicator एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो चार्ट पर लगाया जाता है और Indicator के जरिए एक अनुमान लगाया जाता है की शेयर में क्या मूवमेंट हो सकती है । RSI, MACD, VOLUME, MOVING AVERAGE मुख्य indicator है जिसका इस्तेमाल Technical Analysis में किया जाता है ।

  • Price Action का महत्व :

शेयर बाज़ार में कीमत पर Focus किया जाता है । शेयर की Price को देखा जाता है । शेयर की movement और Price Action देखकर शेयर का अनुमान लगाया जाता है कि शेयर मे क्या movement हो सकती है ।

Technical Analysis में कंपनी कि Analysis नहीं की जाती जिसको फंडामेंटल एनालिसिस कहा जाता है । Technical Analysis में सिर्फ चार्ट पर देखकर Analysis किया जाता है ।

  • Volume का उपयोग :

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Share Market Update: शेयर बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स और निफ्टी में फिर गिरावट, FPI भी निकाल रहे पैसा

Share Market Investment: शेयर बाजार की शुरुआत फिर से गिरावट के साथ हुई है. वहीं भारतीय शेयर बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की निकासी का सिलसिला जुलाई में भी जारी है.

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Share Market Update: शेयर बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स और निफ्टी में फिर गिरावट, FPI भी निकाल रहे पैसा

Nifty Chart: शुक्रवार को जहां शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली थी तो वहीं आज सोमवार 11 जुलाई को भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले हैं. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही इंडेक्स की शुरुआत लाल निशान में हुई है. वहीं कुछ विदेशी बाजार भी गिरावट के साथ कोराबार करते हुए दिखाई दिए हैं. इसके साथ शेयर मार्केट चार्ट क्या है? ही भारतीय शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. आज सेंसेक्स में 200 से ज्यादा अंकों की गिरावट देखने को मिली है. वहीं निफ्टी भी 80 अंकों से ज्यादा टूट गया. इसके साथ ही लगभग सभी इंडेक्स गिरावट के साथ खुले हैं.

गिरावट के साथ खुला बाजार

सोमवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत लाल निशान में रही. वहीं सेंसेक्स में 233.24 अंक (0.43%) की गिरावट दिखी. इसके साथ ही सेंसेक्स 54248.60 के स्तर पर खुला. वहीं निफ्टी में भी गिरावट दर्ज की गई है. निफ्टी 84.45 अंक (0.52%) गिरकर 16136.15 के स्तर पर खुला. इससे पहले आठ जुलाई शुक्रवार को बाजार में तेजी देखने को मिली थी. शुक्रवार को सेंसेक्स में 303.38 अंकों (0.56%) की बढ़त देखने को मिली. इसके साथ ही सेंसेक्स 54,481.84 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी में 87.70 अंकों (0.54%) की तेजी देखी गई. इसके साथ ही निफ्टी 16,220.60 के स्तर पर बंद हुई.

इस हफ्ते इन पर नजर

वहीं स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस हफ्ते आर्थिक आंकड़ों और कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी. इसके अलावा वैश्विक रुझान और विदेशी कोषों का रुख भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा. विश्लेषकों का कहना है कि बाजार भागीदारों की निगाह इसके साथ ही रुपये के उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी.

इनके आएंगे आंकड़े

इस सप्ताह टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के तिमाही नतीजे आएंगे. इसके अलावा 12 जुलाई को औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) के साथ ही 14 जुलाई को थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़े आने हैं.

एफपीआई की निकासी

वहीं भारतीय शेयर बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निकासी का सिलसिला जुलाई में भी जारी है. हालांकि, अब एफपीआई की बिकवाली की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है. डॉलर में मजबूती और अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बीच एफपीआई ने जुलाई में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से आठ जुलाई के दौरान एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 4,096 करोड़ रुपये की निकासी की है.

जून में भी निकाले रुपये

वहीं जून में एफपीआई ने 50,203 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे. यह मार्च, 2020 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है. उस समय एफपीआई की निकासी 61,973 करोड़ रुपये रही थी. इस साल एफपीआई भारतीय शेयरों से 2.21 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं. इससे पहले 2008 के पूरे साल में उन्होंने 52,987 शेयर मार्केट चार्ट क्या है? करोड़ रुपये की निकासी की थी. एफपीआई की निकासी की वजह से रुपया भी कमजोर हुआ है. हाल में रुपया 79 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया.

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Property Plus: रेंटल ग्रोथ के चार्ट में बेंगलुरु कैसे सबसे आगे है? देखिए प्रॉपर्टी प्लस दीपक यादव के साथ

ऑफिस मार्केट में बंपर निवेश की वजह? रेंटल ग्रोथ में कैसे अव्वल हुआ बेंगलुरु? दिल्ली की कमर्शियल प्रॉपर्टी सबसे महंगी क्यों? MMR के मुख्य इंफ्रा प्रोजेक्ट की डेडलाइन? सबर्ब में कैसे बढ़ेगी कमर्शियल एक्टिविटी? देखिए प्रॉपर्टी प्लस दीपक यादव के साथ.

21 साल में तीसरी बार अशुभ संकेत, 'डेथ क्रॉस' जोन में अमेरिकी बाजार!

Death Cross News: पिछले कुछ हफ्तों से घरेलू शेयर बाजारों के साथ-साथ दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है. रूस-यूक्रेन संकट और कमजोर संकेत इसके मुख्य कारण बताए जा रहे हैं. इसी बीच Nasdaq चार्ट पर डेथ क्रॉस में आ गया. जानिए इसका मतलब.

फाइल फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2022,
  • (अपडेटेड 20 फरवरी 2022, 2:25 PM IST)
  • 'डेथ क्रॉस' फॉर्मेशन को निवेशक मानते हैं अशुभ
  • दो साल में पहली बार अशुभ संकेत

नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स (Nasdaq Composite Index) की ट्रेडिंग का चार्ट पैटर्न शुक्रवार को 'डेथ क्रॉस' (Death Cross) फॉर्मेशन में आ गया. स्टॉक मार्केट में इंवेस्ट करने वाले इस पैटर्न को अशुभ मानते हैं. यह गिरावट का संकेत माना जाता है.

अतीत के आंकड़े बताते हैं कि 'डेथ क्रॉस' चार्ट पैटर्न कुछ समय के लिए स्टॉक मार्केट पर काफी शेयर मार्केट चार्ट क्या है? भारी पड़ता है और इससे बाहर निकलने में मार्केट को अच्छा-खासा वक्त निकल जाता है. हालांकि, अभी यह अस्पष्ट नहीं है कि ये फॉर्मेशन आने वाले समय में ट्रेडर्स को ज्यादा परेशान करने वाला है या ये थोड़े दिन की बात है.

दो साल में पहली बार अशुभ संकेत
इससे पहले अप्रैल, 2020 में Nasdaq डेथ क्रॉस फॉर्मेशन में आया था. वह समय अलग था. कोरोना महामारी की वजह से चारों और Uncertainty थी. निवेशकों को यह बात समझ में नहीं आ रही थी कि ये गिरावट कितने लंबे वक्त तक रहने वाली है. अभी अनिश्चितता काफी हद तक कम हो गई है. ऐसे में मार्केट के डेथ क्रॉस फॉर्मेशन की वजह से निवेशकों में एक तरह की बेचैनी देखने को मिल रही है.

नवंबर से अब तक आ चुकी है काफी गिरावट
नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स शुक्रवार को 1.2 फीसदी लुढ़क गया. 19 नवंबर, 2021 को नैस्डेक काफी उच्च स्तर पर था. उस समय से अब तक उसमें करीब 16 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.

डेथ क्रॉस पैटर्न के बारे में जानिए (What is Death Cross Pattern)
यह स्टॉक मार्केट के ट्रेडिंग पैटर्न से जुड़ा होता है. चार्ट पर एक खास तरह का पैटर्न बनने पर इसे डेथ क्रॉस पैटर्न कहते हैं. जब इंडेक्स का 50 दिनों का मुविंग एवरेज 200 दिनों के मुविंग एवरेज से नीचे चला जाता है तो चार्ट पर यह पैटर्न बन जाता है. डेथ क्रॉस पैटर्न बनने के बाद निवेशक सतर्क हो जाते हैं क्योंकि उनका मानना होता है कि शेयर बाजार में अब लंबे समय तक गिरावट जारी रह सकती है.

डेथ क्रॉस बनने पर साल 2000 में क्रैश हुआ था मार्केट
साल 2000 के जून महीने में भी न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर कुछ इसी प्रकार का डेथ क्रॉस पैटर्न बना था. उस वक्त डॉटकॉम कंपनियों के शेयर बुरी तरह लुढ़क गए थे. जनवरी 2008 में भी ऐसा ही डेथ क्रॉस पैटर्न बनता हुआ देखा गया. इसके बाद पूरी दुनिया में आर्थिक संकट देखने को मिला था.

इन वजहों से आ रही है गिरावट
कमजोर वैश्विक संकेतों और रूस-यूक्रेन तनाव के बीच भारतीय शेयर बाजारों सहित दुनियाभर के शेयर बाजारों में भी पिछले कुछ समय से गिरावट का दौर देखा जा रहा है. भारतीय बाजारों की बात की जाए तो विदेशी संस्थागत निवेशक की तरफ से भारी बिकवाली भी एक वजह रही है. बीएसई सेंसेक्स इस साल की शुरुआत से 2.28 फीसटी टूटा है, जबकि निफ्टी में 1.98 फीसदी की गिरावट आई है.

शेयर बाजार में क्या होती है Muhurt Trading, निवेशक क्यों मानते हैं इसे बेहद शुभ?

Diwali Muhurat Trading 2022: दिवाली के शुभ मुहूर्त पर शेयर बाजार में निवेश करने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. इस दिन का इंतजार निवेशक साल भर करते हैं. इसके पीछे बेहद खास धारणा है. हर साल की तरह इस साल भी दिवाली पर शेयर बाजार में दांव लगाने की तैयारी इन्वेस्टर्स कर रहे हैं.

मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन निवेश को शुभ मानते हैं इन्वेस्टर्स

दीपक चतुर्वेदी

  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 19 अक्टूबर 2022, 8:03 AM IST)

देशभर में दिवाली (Diwali) की धूम शुरू हो चुकी है और रोशनी के इस त्योहार में कुछ ही दिन बाकी हैं. भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में दिवाली के दिन भले ही छुट्टी रहती है, लेकिन इस दिन बाजार फिर भी एक घंटे के लिए खुलता है. दरअसल, शेयर मार्केट में दिवाली पर खास ट्रेडिंग की परंपरा काफी पुरानी है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) के नाम से जाना जाता है. इस ट्रेडिंग के लिए विशेष तौर पर बाजार को ओपन किया जाता है.

एक घंटे के लिए खुलता है बाजार
Muhurat Trading के दौरान इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की पुरानी परंपरा को शेयर मार्केट चार्ट क्या है? निभाते हैं. यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है. इस बार दिवाली 24 अक्टूबर, 2022 को पड़ रही है. इस दिन बाजार में शाम 6.15 से 7.15 मिनट तक मुहूर्त ट्रेडिंग की जा सकती है. बता शेयर मार्केट चार्ट क्या है? दें शाम 6 बजे से लेकर 6.10 बजे तक प्री-ओपन ट्रेडिंग सेशन का सत्र होगा.

पांच दशक से ज्यादा पुरानी परंपरा
शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक से ज्यादा पुरानी है. मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 1957 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 1992 में शुरू हुआ था. विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है. अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदने को तरजीह देते हैं, हालांकि आमतौर पर ये इन्वेस्टमेंट काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं.

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इस दिन निवेश शुभ मानते हैं इन्वेस्टर्स
ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल इन्वेस्टर्स पर धन बरसता है. पुराने डाटा को देखें तो पता चलता है कि मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक मूल्य-आधारित स्टॉक्स की खरीदारी करते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं. इस दौरान खरीदे गए शेयरों को निवेशक बेहद खास मानते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं. जैसी कि देश में मान्यता है कि दिवाली का दिन कुछ भी नया काम शुरू करने के लिए शुभ होता है. ठीक इसी धारणा के तहत शेयर बाजार इन्वेस्टर्स इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान स्टॉक मार्केट में अपना पहला निवेश करते हैं.

मुहुर्त ट्रेडिंग 2021 पर बाजार रहा था गुलजार
बीते साल 4 नवंबर, 2021 को मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन किया गया था. इस एक घंटे के सेशन में बीएसई का सेंसेक्स 60 हजार के ऊपर पहुंच गया था. मुहुर्त ट्रेडिंग पर सेंसेक्स 60,067 अंकों के स्तर पर, जबकि निफ्टी 17,921 के लेवल पर बंद हुआ था. हालांकि, साल 2022 में शेयर बाजार में खासी उथल-पुथल देखने को मिली है, लेकिन इसके बावजूद उम्मीद है मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार तेजी देखने को मिलेगी.

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